खुद को कानून से ऊपर समझते हैं छातापुर के थानेदार
एसपी की डांट भी उन पर बेअसर साबित हो रही है
मनोज रोशन त्रिवेणीगंज, सुपौल ,बिहार
लेकिन बर्दी के गुरुर और पैसे की खनक में मदहोश थानेदार शिबशंकर कुमार और उनके खास चहेते एस आई संदीप कुमार गेंहू की फसल को बिना किसी न्यायालय के आदेश के खेत में सड़ा देने पर तुले हुए हैं। वरीय अधिकारियों के दर से एक ही जवाब मिलता है कि तुम्हे फसल कटवाने से रोका किसने हैं ,जब हम लोग ने रोका नहीं है तो आदेश कैसे दे। ताजा मामला छातापुर थाना क्षेत्र के डहरिया गाँव का है।
जहाँ गाँव के ही गरीब किसान जितेंद्र झा व उनके अन्य भाईयो ने लोगो से कर्ज लेकर और अपनी गाढ़ी कमाई को मिलाकर गेंहु की फसल लगाया था।
लेकिन जब गेंहूँ कटने की बारी आई तो उनके फरीकेंन ने थाना प्रभारी को अपने मेल में लेकर फसल लगाने वाले किसान को गेँहू नही काटने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया।लेकिन जब गरीब किसान ने थाने दार से बस यह सवाल पूछने की गुस्ताखी कर बैठे कि बिना किसी आधार पर आप हमें गेंहूँ काटने से रोक क्यो रहे हैं तो थानेदार सहाब को गुस्सा आ गया और वे इसे अपना अपमान समझ बैठे ।
Read More Railway Station: हरियाणा में इस रेलवे स्टेशन को बनाया जाएगा हाईटेक, मिलेगी ये लग्जरी सुविधाएं खेत पर गेंहू कटवा रहे किसान के पुत्र को गाली से स्वागत करते हुए डंडे से हाल चाल पूछा और उनके एक भाई को आनन फानन में जीप में डाल कर मुछो पर ताव देते हुए हुए थाना ले गए।गाँव के खेतों में काम कर रहे लोगो ने कहा कि थानेदार के कहने पर साथ आये पुलिस अधिकारी ने न सिर्फ फसल को कटाई से रोक दिया
बल्कि उनके भाई को स्वागत करते हुए थाने ले गई और काफी अनुनय विनय के बाद शाम मुक्क्त किया और फरमान सुनाया कि गेंहू काटने के लिए एसडीएम से आदेश लाओ। तुम्हारे ऊपर धारा 144 ,145 ,188 का केस चल रहा है। पीड़ित का कहना है कि धारा 144 पिछले साल 2024 में समाप्त हो गया है, जबकि अन्य केस का उन्हें नोटिस नहीं मिला है।
पीड़ित जितेंद झा ने मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, डीजीपी ,एसपी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
सुपौल एसपी शैशव यादव ने शिकायत मिलने पर मंगलवार को थानेदार की जमकर क्लास लगाया ,बाबजूद थानेदार पर कोई असर नहीं हुआ।एसपी के निर्देशों के बावजूद थानेदार कोई कार्रवाई नहीं कर पाए।यह पहली बार नहीं है जब छातापुर के थानेदार पर सवाल उठाए गए हों।
क्योंकि यह स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है।

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