सोनभद्र जयते इंडिया निधि लिमिटेड ने उड़ाए करोड़ों, बैंक फरार, जनता परेशान
प्राइवेट बैंक लोगों का रुपये लेकर फरार हुआ, जिसे लोगों को तगड़ा झटका
लोगों ने लगाया प्रशासन से न्याय की गुहार
अजीत सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
ओबरा थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां जयते इंडिया निधि लिमिटेड नामक एक बैंक सैकड़ों आम जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लेकर फरार हो गया है। इस धोखाधड़ी से क्षेत्र के लोगों को गहरा सदमा लगा है, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई इस बैंक में जमा की थी।
आज सुबह जब लोगों को इस बैंक के फरार होने की जानकारी मिली, तो वे हक्के-बक्के रह गए। अपनी जमा पूंजी की तलाश में सैकड़ों की संख्या में लोग बैंक के दफ्तर पर पहुंचे, जहां उन्हें बैंक बंद मिला। लोगों का गुस्सा उस समय और बढ़ गया जब उन्होंने देखा कि बैंक के बोर्ड की जगह किसी स्कूल का बोर्ड लगा दिया गया है। यह देखकर लोगों को ठगी का शिकार होने का एहसास हुआ और वे आक्रोशित हो उठे।
बैंक के दफ्तर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई, जो अपनी जमा राशि वापस पाने की मांग कर रहे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पुलिस पहुंची और लोगों को शांत करने तथा स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि, अपनी जीवन भर की कमाई गंवा चुके लोगों का गुस्सा शांत करना पुलिस के लिए भी आसान नहीं था।पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने अपनी बचत का एक बड़ा हिस्सा इस बैंक में जमा किया था, इस उम्मीद में कि यह सुरक्षित रहेगा और उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा। लेकिन बैंक के इस तरह अचानक गायब हो जाने से उनकी आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हो गई है। कई लोगों ने अपनी बेटियों की शादी, बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरी कामों के लिए पैसे जमा किए थे, जो अब अधर में लटक गए हैं।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है और वे बैंक के संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और बैंक के फरार संचालकों को पकड़कर उनकी जमा राशि वापस दिलानी चाहिए।यह घटना वित्तीय संस्थानों में विश्वास रखने वाले आम लोगों के लिए एक बड़ा झटका है। इस घटना ने न केवल पीड़ितों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है, बल्कि अन्य लोगों के मन में भी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रति अविश्वास पैदा कर दिया है।
ओबरा पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है और बैंक के संचालकों की तलाश कर रही है। हालांकि, अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस का कहना है कि वे पीड़ितों से जानकारी जुटा रहे हैं और बैंक के दस्तावेजों को खंगालकर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कितने लोगों का कितना पैसा इस बैंक में जमा था और बैंक के संचालक कौन थे।
इस घटना ने सोनभद्र जिले में वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करती है और पीड़ितों को उनका पैसा वापस दिलाने में कितनी सफल होती है। फिलहाल, सैकड़ों लोग अपनी गाढ़ी कमाई वापस मिलने की उम्मीद में पुलिस और प्रशासन की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।

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