सरकारी नलकूप निर्माण में बड़ा घोटाला, घटिया सामग्री से हो रहा काम
कम कर दी गई कमरे की लंबाई-चौड़ाई
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अंबेडकर नगर।
सरकार किसानों की भलाई के लिए सिंचाई योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन भ्रष्टाचारियों ने इस पर भी सेंध लगा दी है। भीटी ब्लॉक के नरहरपुर गांव में बनाए जा रहे सरकारी नलकूप संख्या 252 एजी में बड़े पैमाने पर घटिया निर्माण हो रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद अधिकारी और ठेकेदार मिलकर सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं।
पीली ईंट और सफेद बालू से दीवारें खड़ी
नलकूप निर्माण में सरकारी मानकों को दरकिनार कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि दीवारों में मजबूत लाल ईंट की बजाय कमजोर पीली ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं, निर्माण में मोरंग की जगह सफेद बालू मिलाकर दीवारों को तैयार किया जा रहा है, जिससे पूरी संरचना कमजोर हो जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्माण महज दिखावे के लिए किया जा रहा है, जो कुछ ही महीनों में धराशायी हो सकता है।
कम कर दी गई कमरे की लंबाई-चौड़ाई
नलकूप के लिए बनाए जा रहे कमरे का आकार भी तय मानकों से छोटा कर दिया गया है। सवाल उठता है कि जब सरकार ने नलकूप निर्माण के लिए पर्याप्त बजट जारी किया है, तो फिर निर्माण में कटौती क्यों की जा रही है? ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक पैसा बचाकर हड़पा जा सके।
शिकायतों पर भी नहीं हो रही कार्रवाई
ग्रामीणों ने जब इस घोटाले की शिकायत जूनियर इंजीनियर (JE) से की, तो उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया। यही नहीं, जब मीडिया ने इस मामले में JE से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया। इससे साफ जाहिर होता है कि पूरा सिस्टम इस भ्रष्टाचार में लिप्त है और जिम्मेदार अधिकारी सवालों से बच रहे हैं।
सरकार की सख्ती के बावजूद क्यों हो रहा भ्रष्टाचार?
योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर अधिकारी और ठेकेदार बेखौफ हैं। नरहरपुर गांव में सरकारी नलकूप का यह घटिया निर्माण सरकार की छवि खराब करने की साजिश भी हो सकता है। अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो सरकारी धन की बर्बादी के साथ ही किसानों की उम्मीदों पर भी पानी फिर जाएगा।
ग्रामीणों की मांग – हो उच्च स्तरीय जांच
ग्रामीणों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि घटिया सामग्री से बने इस नलकूप की गुणवत्ता की तुरंत जांच कराई जाए और जो भी अधिकारी या ठेकेदार दोषी पाए जाएं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अगर जल्द ही इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस घोटाले पर क्या कार्रवाई करता है, या फिर भ्रष्टाचारियों को खुली छूट मिलती रहेगी।
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