कलाकारों ने सीता स्वयंवर का  किया सजीव मंचन , दर्शक  हुए भाव विभोर 

कलाकारों ने सीता स्वयंवर का  किया सजीव मंचन , दर्शक  हुए भाव विभोर 

सिद्धार्थनगर। जिले के बर्डपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत गायघाट के महुवरवा में शनिवार को रुद्रमाहयज्ञ में कलाकारों ने सीता स्वयंवर का सजीव मंचन किया। धनुष भंग होते ही जय श्रीराम के नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा। परशुराम-लक्ष्मण संवाद सुनकर दर्शक भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर कपिलवस्तु विधायक श्यामधनी राही ने पहुच कर पूजन किया।
 
 विधायक ने कहा कि समाज मे धार्मिक अनुष्ठान होते रहना चाहिए। जिससे हमें समाज मे फैल रही बुराइयों से बच सके ।और अपने परिवार को बेहतर संस्कार दे सके। रुद्रनाथ राय ने कहा कि यज्ञ में राजा जनक ने अपनी सुपुत्री जानकी की विवाह के लिए भव्य स्वयंवर का आयोजन किया है। उनका प्रण है कि जो योद्धा शिव  धनुष तोड़ेगा। उसी के साथ पुत्री जानकी का विवाह करेंगे। कथा वाचक सोनम ने कहा कि स्वयंवर में शामिल होने के लिए देश- विदेश से तमाम बलशाली राजा पधारे हैं। स्वयंवर देखने के लिए अयोध्या नरेश महाराज दशरथ के सुपुत्र राम व लक्ष्मण भी गुरू विश्वामित्र के साथ पहुंचे हैं।
 
लाख प्रयास के बाद भी कोई राजा धनुष तोड़ना तो दूर हिला तक न सके। यह देख जनक का मन व्यथित हो जाता है। इससे दुखी होकर वह कहते हैं कि अगर उन्हें मालूम होता कि पृथ्वी वीरों से खाली हो गई है, तो ऐसा प्राण प्रणय कदापि न करते। यह सुन लक्ष्मण क्रोधित हो गए और गुरु से धनुष तोड़ने की आज्ञा मांगते है। गुरु व भ्राता राम के समझाने पर उनका क्रोध शांत हुआ। बाद में गुरु की आज्ञा से भगवान राम धनुष को तोड़ने के लिए गए और उन्होंने जैसे ही उनके द्वारा धनुष का प्रत्यंचा चढ़ाया गया धनुष टूट गया। धनुष टूटते ही पंडाल में जय श्रीराम  का जय घोष होने लगा। माता जानकी ने प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला डाला। हरविंदर त्रिपाठी, हनुमान दास ने पूजा कराया। आयोजक राम अचल गुप्ता, रावजीत यादव, घनश्याम निषाद, ओमप्रकाश लोधी, मदन राजभर सहित आदि मौजूद रहे।

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