कुआनो नदी मेंनाले के गंदा पानी आने से पानी हुआ दूषित प्रदूषण का खतरा

जीवनदायिनी कुआनो नदी में लगा गन्दगी का अंम्बारप्रदूषण होने से आस्था पर संकट

कुआनो नदी मेंनाले के गंदा पानी आने से पानी हुआ दूषित प्रदूषण का खतरा

बस्ती। बस्ती की जीवनदायिनी कुआनो नदी आज गंभीर संकट में है। शहर के नालों का अशोधित जल सीधे नदी में मिल रहा है, जिससे व्यापक स्तर पर नदी का जल प्रदूषित होता जा रहा है। यह स्थिति चिंताजनक इसलिए भी है क्योंकि छठ महापर्व के दौरान श्रद्धालु महिलाएं इसी जल से भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं, जबकि उन्हें इस जल के प्रदूषित होने की जानकारी नहीं है।एक समय था जब कुआनो नदी का स्वच्छ जल मनुष्यों और पशु-पक्षियों के लिए वरदान था।
 
लेकिन वर्तमान में नगर पालिका की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने के कारण नदी धीरे-धीरे नाले में तब्दील होती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले कुछ वर्षों में यह नदी पूरी तरह नाले में बदल जाएगी।हालांकि, नदी की स्वच्छता को लेकर कुछ सामाजिक संगठनों ने पहल की, लेकिन वह भी मीडिया में सुर्खियां बटोरने तक ही सीमित रही। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए नगर पालिका अध्यक्ष नेहा वर्मा ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही नालों के पानी के शोधन की व्यवस्था की जाएगी और केवल शोधित जल ही नदी में छोड़ा जाएगा।
 
कुआनो नदी के प्रदूषित होने से छठ महापर्व पर आस्था का संकट भी मंडरा रहा है। श्रद्धालु महिलाएं इसी नदी के जल से भगवान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। लेकिन नदी के प्रदूषित होने से श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कुआनो नदी बस्ती की पहचान है और इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी के प्रदूषण से न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि पर्यावरण को भी खतरा है।
 
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की उदासीनता पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया। कुआनो नदी को बचाने के लिए अब एक मुहिम शुरू करने की जरूरत है। इस मुहिम में सामाजिक संगठनों, स्थानीय नागरिकों और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। सबसे पहले नालों के पानी को शोधित करने की व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही नदी के किनारे अतिक्रमण को भी हटाना होगा। लोगों को जल प्रदूषण के खतरे के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है। इसके लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। कुआनो नदी का भविष्य हमारे हाथों में है। यदि सब मिलकर प्रयास करें तो इस नदी को प्रदूषण से मुक्त किया जा सकता हैं और इससे इसकी पुरानी महिमा को लौटा सकते हैं।

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