कथित प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस निरस्त व सील करने का निर्देश

अपर सीएमओ के निरीक्षण में पंजीकृत रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट नही थे मौजूद, टेक्नीशियन द्वारा किया जा रहा था संचालित

कथित प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस निरस्त व सील करने का निर्देश

 

स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकनगर। जनपद के अधिकांश रजिस्टर्ड निजी अस्पताल में जिन डॉक्टर और सर्जन के नाम एनेस्थीसिया देने के लिए साथ ही पैथालॉजी व रेडियोलॉजी के रजिस्ट्रेशन में जिन पैथोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट का नाम दर्शाया गया है। शायद ही उनका चेहरा देखने को मिलता होगा। मिली जानकारी के अनुसार महीने की रकम उनके खाते में भेज दी जाती है और उनका नाम रजिस्ट्रेशन के पन्ने में सुरक्षित पड़ा रहता है। सारा खेल स्वाथ्य महकमा की मिलीभगत से चल रहा है। 
जिले के कई निजी अस्पतालों में जान जाने के बाद स्वास्थ्य महकमा की नींद खुली तब जाकर अस्पतालो पर कार्यवाही हो सकी है।
अस्पतालो पर कार्यवाही के लिए मरीजो को अपनी जान तक गवानी पडी तब स्वास्थ्य विभाग को पता चला अवैध रूप से अस्पताल चल रहा था। बाकी कुंभकर्णी नीद में सो रहा था। ऐसे में पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटरो पर एक ही व्यक्ति की जाँच रिपोर्ट में अलग अलग अंतर पाए जा चुके है। 


   ऐसे में जिलाधिकारी ने कथित प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस निरस्त करने एवं मशीन को सील किए जाने के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संयुक्त रूप से निर्देशित किया है।
      जानकारी के मुताबिक अकबरपुर बसखारी रोड पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी के सामने स्थापित पंजीकृत प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर द्वारा बिना डॉक्टर के संचालन करने के विरुद्ध शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया गया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी के अधीक्षक के द्वारा बीते 4 अक्टूबर 2024 एवं 7 अक्टूबर 2024 को उक्त केंद्र का निरीक्षण किया था। जिसमें रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक एवं पैथोलॉजिस्ट उपस्थित नहीं पाए गए थे। साथी ही अन्य अनियमितताये भी पाई गई थी। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामानंद सिद्धार्थ ने बीते 24 अगस्त 2024 को प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रम निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान पंजीकृत रेडियोलॉजिस्ट पैथोलॉजिस्ट मौजूद नहीं थे अल्ट्रासाउंड केंद्र एवं पैथोलॉजी केंद्र टेक्नीशियन द्वारा संचालित किया जा रहा था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामानंद सिद्धार्थ द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट तथा पैथोलॉजी एक्ट 2007 के अंतर्गत कथित प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का पंजीकरण निरस्त करने की संतुति कर दिया गया था। परंतु इसके बावजूद भी प्रांजल डायग्नोस्टिक सेंटर का संचालन बिना डॉक्टर के मनमानी ढंग से किया जा रहा है। 
        मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी के समक्ष आख्या रिपोर्ट  बीते 03 दिसंबर 2024 को प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी द्वारा पंजीकरण को निरस्त करने एवं मशीन को सील किए जाने के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं  राजस्व) व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को संयुक्त रूप से निर्देशित किया गया है।

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