हानिया को हमास ने मरवा दिया? याह्या सिनवार ने शिया-सुन्नी वाला खेल कर दी सीक्रेट डील
International Desk
31 जुलााई 2024 की तारीख को भारत में सुबह के साढ़े आठ बजे ही थे कि खबर आई कि हमास चीफ इस्माइल हानिया की तेहरान में मौत हो गई है। इस खबर ने पूरी दुनिया को सन्न कर दिया। इस्माइल हानिया हमास के पॉलिटिकल विंग का मुखिया था। दोहा में रह रहा था। 28 जुलाई को वो राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए ईरान गया था। ईरान में हानिया सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामनेई से भी मिला। ईरान में जिस घर में हानिया रूका था वहां हवाई हमले में उसकी मौत हो गई। इस्लामिक रिव्यल्यूशनरी गार्ड ने मौत की पुष्टि की।
फिलहाल ये बात निकलकर आयी है कि हमला हवाई था। अब ये मिसाइल था या रॉकेट ये भी साफ नहीं है। ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामनेई का बयान आ गया है कि इस्माईल हानिया के खून का बदला लेना हमारा फर्ज हमारी ड्यूटी है। ईरान के कौम शहर की जमकारण मस्जिद के गुम्बद पर बदले का प्रतीक लाल रंग का परचम लहरा दिया गया है।
सिनवार ने अपने परिवार को किया शिफ्ट
इस थ्योरी को बल इसलिए भी मिल रहा है क्योंकि सिनवार का परिवार भी गाजा में रहता था। उसका परिवार सुरक्षित गाजा से निकलकर मार्च में मिस्र पहुंच गया। लेकिन हानिया का परिवार गाजा से भागने में नाकाम रहा और अप्रैल में हानिया के 3 बेटों को इजरायल ने ऑपरेशन में मार दिया। कहा जा रहा है कि सिनवार चाहता तो हानिया के परिवार को भी कहीं सुरक्षित जगह शिफ्ट करवा सकता था। लेकिन उसने ऐसा किया नहीं। ऐसे में कहा जा रहा है कि हानिया और उसके परिवार की हत्या के पीछे याह्या सिनवार हो सकता है और सीक्रेट डील के तहत हानिया को रास्ते से हटा दिया गया है।
इतनी आसानी से तेहरान को मरना कैसे संभव हुआ?
बड़ा सवाल ये है कि ईरान के अंदर ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियांन के शपथग्रहण में आए ईरान के मेहमान को तगड़ी सिक्योरिटी के बीच घर में कोई मार जाए और वो भी दुनिया में बेहद एडवांस व आक्रामक फोर्स का दावा करने वाले आईआरजीसी की नाक के नीचे तो ये ईरान के लिए भी बेहद शर्मिंदगी की बात है। लेकिन इन सब के बीच हानिया की हत्या पर एक थ्योरी ये भी है कि उसका खात्मा किसी और ने नहीं बल्कि हमास ने ही किया है। दावा किया जा रहा है कि गाजा में हमास चीफ याह्या सिनवार ने ही इस्माइल हानिया की हत्या की साजिश रची है।
इस्माइल हानिया 2017 से गाजा से निर्वासित था। वो केवल हमास का कूटनीतिक चेहरा बनकर रह गया था। जबकि गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन याह्या सिनवार ही संभाल रहा था। मतलब ये कि याह्या सिनवार ही गाजा में रहकर इजरायल से जंग लड़ रहा था। लेकिन फंड खर्च करने और सीजफायर पर उसे हानिया के निर्देश मानने पड़ रहे थे। इसलिए दावा किया जा रहा है कि हानिया की मौत के पीछे सिनवार का हाथ हो सकता है।
खेला शिया-सुन्नी का खेल
एक दावा ये भी किया जा रहा है कि सुन्नी हमास के लिए शिया बहुल ईरान कभी जंग मोल नहीं लेगा। हां हिजबुल्ला या हूति विद्रोहियों के लिए ईरान की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है। लेकिन हमास के लिए ईरान अपने आप को दांव पर नहीं लगाने वाला। हमास को इजरायल ने काफी हद तक तोड़ दिया है। ऐसे में चीफ के खात्मे से सुन्नी तन्जिम वैसे भी कमजोर हो जाएगी। ईरान के लिए तैयार किए गए मिलिशिया हिजबुल्ला का स्कोप बढ़ जाता है क्योंकि वो भी इजरायल से लड़ रहा है।
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