सावन सप्तमी पर शीतला धाम में मां के दर्शन को उमड़ी भीड़
कौशाम्बी स्वतंत्र प्रभात
कडाधाम मन्दिर में उभडे़ श्रधालु
सिराथू कौशाम्बी।
शीतला धाम कडा में सावन माह में सप्तमी व् अष्टमी को वार्षिक मेले का आयोजन होता है मेले में जिले के अलावा सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, वराणसी, समेत दर्जन भार जनपदों से श्रधालु आते हैं। शनिवार को मेले के पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ धाम में उमड़ी है। मान्यता है। की सावन माह की सप्तमी व् अष्टमी तिथि के दिन पूजा करने से माँ कालरात्रि अपने भक्तों को काल से बचाती हैं। अर्थात उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती हैं।
पुराणों में इन्हें सभी सिद्धियों की देवी कहा गया है इसीलिए तंत्र मंत्र के साधक के इस दिन देवी की विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं। पौराणिक कथा है शुभ निशुभ और उनकी सेना को देखकर मां दुर्गा को भयंकर क्रोध आ गया था इसकी वजह से उनका वर्ण श्यामल हो गया और इसी श्यामल माल रूप से देवी कालरात्रि प्रकट हुई। मा का यह रूप अपने भक्तों के लिए ममतामयी होने से इन्हें शुभं कलाई के नाम से भी जान जाता है। माता की सवारी वैशास यानि गदहा है।
जो की समरत जंतुओ में सबसे ज्यादा परिश्रमी और निर्भय होकर अपनी अधिक्रिष्टि देवी कालरात्रि को लेकर इस संसार में विचरण कर रहा है शनिवार को कडा धाम मे भारी भीड़ होने व् अव्यवस्था के चलते श्राधालु भक्तों को भारी समस्या का भी सामना करना पड़ा। मंदीर के पास ही अव्यवस्था के कारण अपने छोटे-छोटे बच्चों के सहित धूप में खड़े अपने बारी का इंतज़ार करते दिखे। थाना अध्यक्ष कडा़धाम धीरेंद्र सिंह मय फोर्स सहित तैनात मेले का निरीक्षण करते नजर आये। पहले दिन का मेल सकुशल संपन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत कि सांस ली।
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