प्रधानमंत्री मोदी की साधना में राष्ट्रोदय और जनकल्याण की कामना: जैनेन्द्र कटरे
बालाघाट। मध्यप्रदेश। जिला ब्यूरो।
स्वतंत्र प्रभात। भारतीय जनता युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष जैनेन्द्र कटरे ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि, राष्ट्रोदय, देश की सुख-समृद्धि, उन्नति-प्रगति, जन कल्याण और आध्यात्मिक- समाजिक जन चेतना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में उसी जगह पर ध्यान साधना की जहां स्वामी विवेकानंद ने साधना की थी। जैनेन्द्र कटरे ने बताया इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां भारती को समर्पित प्रेरणास्पद अपने संदेश में उल्लेखित किया।

स्वामी विवेकानंद उर्जा के स्त्रोत
उल्लेखनीय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, भारत के अंतिम छोर कन्याकुमारी स्थित विकेकानंद शिला, स्मारक में आकर में एक अलौकिक और अद्भुत उर्जा का अनुभव कर रहा हूँ। इसी शिला पर मां पार्वती और स्वामी विवेकानंद जी ने तपस्या की थी। आगे चलकर इस शिला स्मारक के रूप में एकनाथ रानडे जी ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को जीवंत कर दिया। आध्यात्मिक नवजागरण के प्रणेता स्वामी विवेकानंद जी मेरे आदर्श, मेरी उर्जा और मेरी साधना के स्त्रोत रहे हैं।
यह मेरा सौभाग्य
वर्षों पूर्व पूरे देश का भ्रमण करने के बाद जब स्वामी विक्कानंद जी ने इस स्थान पर आकर तप किया था, तो यहीं पर उन्हें भारत के पुनरुत्थान की एक नई दिशा प्राप्त हुई थी। यह मेरा सौभाग्य है कि आज इतने वर्षों के बाद जब स्वामी जी के मूल्यों और आदर्शों पर चलते हुए उनके सपनों का भारत आकार ले रहा है। तो मुझे भी इस पवित्र स्थान पर साधना का अवसर मिला है।
सदैव राष्ट्र की सेवा में समर्पित
इस शिला, स्मारक में मेरी यह साधना मेरे जीवन के अविस्मरणीय क्षणों में से एक है। मां भारती के चरणों में बैठकर आज में एक बार फिर से यह संकल्प दोहराता हूं कि मेरे जीवन का पल-पल और शरीर का कण-कण सदैव राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहेगा। राष्ट्र की उन्नति और देशवासियों के कल्याण की कामना के साथ माँ भारती को कोटि-कोटि नमन। नरेंद्र मोदी।
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