फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर।

मतदान कम होने से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता परेशान।

फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा सीटों पर बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर।

 दयाशंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट।
 
 ब्यूरो प्रयागराज। प्रयागराज की  दोनों लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों में मतदान के दिन कांटे का टक्कर देखा गया। बसपा दोनों सीटों पर लड़ने में असफल दिखाई पड़ी जिससे परिणाम चौंकाने वाले  हो सकते हैं।
 
 बताते चले की प्रयागराज में दो लोकसभा सीट है फूलपुर दूसरा इलाहाबाद। फूलपुर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण पटेल तथा इंडिया गठबंधन समाजवादी के उम्मीदवार अमरनाथ यात्रा मौर्य के बीच पांचो विधानसभा क्षेत्र में कांटे की लड़ाई दिखाई दिया ।इस क्षेत्र में दो विधानसभा शहर उत्तरी तथा शहर पश्चिमी शहर के अंतर्गत आते हैं जबकि तीन विधानसभा फूलपुर सोराव और फाफामऊ देहाती इलाके में स्थित है।
 
देहात के तीनों  विधानसभा क्षेत्र में सीधी लड़ाई समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के बीच दिखाई पड़ी। बसपा के उम्मीदवार जगन्नाथ पाल के किसी-किसी पोलिंग पर तो एजेंट तक नहीं दिखाई पड़े। ना तो कोई उनके चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी का बड़ा नेता यहां पर मीटिंग  सभा किया ना ही प्रचार। जीससे दो साबित हुआ कि वह इन दोनों सीटों पर केवल उपस्थिति दर्ज करने के लिए चुनाव लड़ी थी ।
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 भारतीय जनता पार्टी  का शहर उत्तरी में मतदान कम होने के बावजूद पलड़ा भारी दिखाई पड़ा । शहर पश्चिम में जरूर दोनों प्रत्याशियों में लड़ाई सीधे दिखाई पड़ा। जानकारों का कहना है कि फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने जाने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण पटेल को कड़ी टक्कर देने में इंडिया गठबंधन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अमरनाथ मौर्या सफल रहे।
 
 इस चुनाव में राष्ट्रीय मुद्रा कम जातिवादी मुद्दा अधिक दिखाई पड़ा। जिससे कि मुकाबला बहुत रोचक हो गया है। सोरांव विधानसभा क्षेत्र में वहां की विधायक समाजवादी पार्टी की है जबकि शेष चारों विधानसभा में विधायक भारतीय जनता पार्टी के होने के बावजूद लड़ाई एक तरफा नहीं रह गई ।जिससे साबित हुआ कि विधायक  इस चुनाव में अपने-अपने क्षेत्र में असर नहीं डाल पाए लेकिन भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की सरलता सहजता और मिलन सररिता और विनम्रता मतदाताओं पर जरूर असर कर गया  जो अमरनाथ मौर्या पर भारी पड़ रहा था ।
 
फूलपुर में पिछली बार से लगभग ढाई परसेंट मतदान कम हुआ है जो भारतीय जनता पार्टी नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है।
 
 दोनों प्रत्याशियों का राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो अमरनाथ मौर्या जहां पर पहली बार चुनाव लड़ रहे थे वहीं पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण पटेल का खानदानी राजनीतिक इतिहास रहा है ।उनके पिता भी यहां से तीन बार विधायक रह चुके थे और वह भी तीसरी बार फूलपुर विधानसभा से विधायक हैं। दोनों प्रत्याशियों के लिए राष्ट्रीय नेताओं ने यहां पर भारी जनसभाएं किया। भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  स्वयं बड़ी जनसभा को संबोधित कर  माहौल बनाने में कोईकोर कसर नहीं छोड़ी। तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के लिए राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संयुक्त रैली करके भारी भीड़ जूटा कर माहौल बनाने में कामयाब रहे। 
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 भारतीय जनता पार्टी के दोनों सीट पर वर्तमान में सांसद होने के बावजूद उन लोगों की सक्रियता उतनी नहीं दिखाई पड़ी जितना होनी चाहिए थी ।जिसका भी क्षेत्र में के मतदाताओं में काफी चर्चा का विषय बना रहा। जहां फूलपुर में केसरी देवी पटेल वर्तमान में सांसद हैं इलाहाबाद सीट से रीता  जोशी ।
 
 इलाहाबाद  सीट पर दो राजनीतिक घरानों में सीधी टक्कर दिखाई पड़ी जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह के पिता रेवती रमण सिंह समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं में एक माने जाते हैं और वह आठ बार लगातार करछना विधानसभा से विधायक चुने जाते रहे। तथा एक बार इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी को पराजित कर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए थे। वहीं विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी है। इलाहाबाद क्षेत्र के राजनीतिक क्षेत्र में काफी लोकप्रिय और प्रतिष्ठित नेता के तौर पर पंडित की सही नाथ त्रिपाठी की इज्जत थी जिसका लाभ उनके पुत्र बीजेपी की उम्मीदवार नीरज त्रिपाठी को मिल सकती है।
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इस सीटपर पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं ।यहां भी मेजा विधानसभा छोड़कर चारों विधानसभा  क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के विधायक वर्तमान में हैं और शहर दक्षिणी क्षेत्र से नंद गोपाल नंदी तो उत्तर प्रदेश में मंत्री भी हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद भी है इसके बावजूद भी यदि यह दोनों सीटें जितने में बीजेपी कामयाब नहीं हुई तो यह आश्चर्यजनक ही कहा जाएगा।
 
 

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