Fact Check: क्या अब फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगी FIR? जानिए वायरल पोस्ट का क्या है सच 

PIB Fact Check: पीआईबी फैक्ट चेक की एक संस्था है जो सोशल मीडिया पर सरकार की स्कीमों से जुड़े वायरल, वीडियो और मैसेज की जांच करती है.

Fact Check: क्या अब फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगी FIR? जानिए वायरल पोस्ट का क्या है सच 

PIB fact check FIR against fake journalists by ministry of information and broadcasting Fact Check: क्या अब फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगी FIR? जानिए वायरल पोस्ट का क्या है सच 
फर्जी पत्रकारों के खिलाफ FIR करने का कोई आदेश नहीं जारी किया गया है.  

आईये जानते है क्या है पूरा मामला  


फजी पत्रकारों के खिलाफ पूरे देश में होगी एफआईआर

वेलकम इंडिया नई दिल्ली। भारत में सूचना प्रसारण मंत्रालय जाली पत्रकारों एवं फजी चैनलों पर शिकंजा कसने को तैयार है जो लोग बगैर आर.एन.आई के अखबार या चैनल चला रहे हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। सूचना एवं प्रसारणमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश भर में जितने भी लोग प्रेस आईडीकार्ड लेकर घुम रहे हैं या फजी चैनल चला रहे हैं ऐसे लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी ।

इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आगे मंत्री जी ने कहा कि कुछ दोषी लोगों के कारण अच्छे, सच्चे एवं ईमानदार पत्रकारों के छवि खराब हो रही है, एवं उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। आगे जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश में कुछ पैसा लेकर बगैर आर.एन.आई के अखबार या चैनल चला रहे हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा चल रहा है जाली प्रेस आईडी बांटने एवं जाली पत्रकार नियुक्ति करने तथा प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा चल रहा है। जिसपर अंकुश लगाना अति आवश्यक है। 

इस संबंध में सभी राज्यों के प्रेस सूचना मंत्रालय को निर्देश जारी कर दिया गया है। आगे उन्होंने बताया कि जो अखबार/पत्रिका भारत सरकार के आरएनआई द्वारा रजिस्टर्ड हो या जो टीवी/रेडियो सूचना प्रसारण मंत्रालय से रजिस्टर्ड हो उसी के द्वारा पत्रकार/संवाददाता की नियुक्ति हो सकती है व केवल उसका सम्पादक ही प्रेस कार्ड जारी कर सकता है। जब न्यूज पोर्टल के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन्टरनेट पर चल रहे न्यूज पोर्टल के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान सूचना प्रसारण मंत्रालय में नहीं है एवं कोई भी न्यूज पोर्टल एवं केबल (डिस) टीवी पर चल रहे समाचार चैनल किसी भी तरह के पत्रकार की नियुक्ति नहीं कर सकता है। 

SSY: सरकार बेटियों को दे रही 70 लाख रुपये, जानें कैसे उठाएं लाभ  Read More SSY: सरकार बेटियों को दे रही 70 लाख रुपये, जानें कैसे उठाएं लाभ

और न ही प्रेस आईडी जारी कर सकता है यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो वह अवैध है एवं उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी सुनिश्चित है अगर कोई वगैर फठक के पोर्टल या अखबार चलाते मिला तो उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी और ऐसे व्यक्ति को हरगिज माफ नहीं किया जायेगा।
 
PIB Fact Check: हाल में फेक न्यूज चलाने वाले यूट्यूब चैनल्स पर केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए उनको ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद से यह खबर लगातार सामने आ रही है कि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ पूरे देश में एफआईआर होगी. इसे लेकर न्यूज पेपर की कटिंग खूब ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. चलिए आपको बताते हैं कि इस न्यूज में आधिर कितनी सच्चाई है. 

IAS Sonia Meena: यह IAS अफसर बन चुकी 'माफियाओं का काल', बिना कोचिंग क्रैक किया UPSC एग्जाम  Read More IAS Sonia Meena: यह IAS अफसर बन चुकी 'माफियाओं का काल', बिना कोचिंग क्रैक किया UPSC एग्जाम

 

IAS Success Story: 12 घंटे की ड्यूटी के बाद UPSC की तैयारी, जानें अंजलि गर्ग के डॉक्टर से आईएएस बनने तक का सफर Read More IAS Success Story: 12 घंटे की ड्यूटी के बाद UPSC की तैयारी, जानें अंजलि गर्ग के डॉक्टर से आईएएस बनने तक का सफर

एक खबर पर फ़र्ज़ी शब्द की मोहर जिसमें दावा किया जा रहा है कि फ़र्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ पूरे देश में एफआईआर होगी।

दरअसल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई 6 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया था, जिसमें कुल 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे. इसके बाद से फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर की खबरें सामने आईं. इसमें कहा गया कि गया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि देशभर में जितने भी लोग प्रेस आईडी कार्ड लेकर घूम रहे हैं या फिर फर्जी चैनल चला रहे हैं. ऐसे लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी. 

 


PIB ने बताया वायरल दावे का सच 

अब इस दावे को लेकर सरकारी एजेंसी पीआईबी (PIB) ने अपने फैक्ट चैक ट्विटर हैंडल से सच्चाई बताई है. उनका कहना है कि यह दावा फर्जी है. केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. PIB Fact Check ने इसे पूरी तरह से गलत दावा बताया है. पीआईबी फैक्ट चेक की एक संस्था है, जो सोशल मीडिया पर सरकार की स्कीमों से जुड़े वायरल, वीडियो और मैसेज की जांच करती है. पीआईबी फैक्ट चेक ने इस वायरल पोस्ट का भी सच बताया है.

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel