प्राथमिक विद्यालय में शिक्षको की अनुपस्थिति से बच्चों ने विद्यालय आना छोड़ा

प्राथमिक विद्यालय में शिक्षको की अनुपस्थिति से बच्चों ने विद्यालय आना छोड़ा

स्वतंत्र प्रभात
मलिहाबाद,लखनऊ। 
सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपए बच्चों के भविष्य के लिए खर्च कर रही है और शिक्षक उनके मंसूबों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला राजधानी के खंड शिक्षा क्षेत्र मलिहाबाद से प्रकाश में आया है। रुसेना मजरे चैना गांव में बने प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक की अनुपस्थिति लगातार होने के कारण बच्चों ने विद्यालय आना ही छोड़ दिया है। अभिभावकों ने तमाम बार इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की लेकिन जिम्मेदारों ने अपनी आंखें कान मूंद रखे हैं जिसके चलतेनौनिहालों का भविष्य खराब हो रहा है।
 
खंड शिक्षा क्षेत्र मलिहाबाद के अंतर्गत रूसेना मजरे चैना गांव में प्राथमिक विद्यालय केवल नाम का बनकर रह गया है। मात्र सैलरी पाने के लिए नौकरी पर शिक्षक भर्ती हो गए हैं। इस विद्यालय में कभी कभार हाजिरी लगाकर जिम्मेदार शिक्षक लौट जाते हैं। जिसके चलते आसपास के अभिभावकों के बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है जबकि सरकार चाहती है कि गरीब और असहाय परिवारों के बच्चे पढ़ लिखकर उन्नति करें लेकिन ऐसे शिक्षकों को नौनिहालों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है।
 
विद्यालय में जाकर बुधवार को जब पड़ताल की गई तो सुबह के 10 बजने के बाद भी वहां पर एकमात्र शिक्षामित्र मौजूद थे और कोई भी नौनिहाल मौजूद नहीं था। इस संबंध में जब गांव जाकर अभिभावकों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिक्षक आते ही नहीं है। वह उच्च अधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है इसलिए बच्चे स्कूल जाते ही नहीं है। सूत्रों के प्राप्त जानकारी के अनुसार कई दिन से प्रधानाध्यापक विद्यालय नहीं आए हैं वहीं सहायक अध्यापक का प्रशिक्षण लगने के कारण वह विद्यालय में नहीं पहुंच पा रहे हैं। 
 
खंडहर में तब्दील हो रहा प्राथमिक विद्यालय
चैना प्राथमिक विद्यालय खंडहर में तब्दील होता चला जा रहा है। शिक्षकों के न आने के कारण यहां की विद्यालय की स्थिति दयनीय हो चुकी है। हाल ही में विद्यालय में अज्ञात चोरों ने दरवाजा तोड़ डाला प्रधानाध्यापक को इस मामले की पूरी जानकारी है लेकिन फिर भी उन्होंने किसी भी तरह की इस मामले में कानूनी कार्यवाही किए जाने की कोई कोशिश नहीं की है। इस संबंध में जब खंड शिक्षा अधिकारी के नंबर पर संपर्क किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा अब देखना यह होगा कि इस गंभीर मामले पर उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।
 
 

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