भूमाफिया की ताल पर थिरकता नजर आ रहा तहसील प्रशासन
थाना समाधान दिवस में शिकायतकर्ता ने की शिकायत,
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स्वतंत्र प्रभात
लखीमपुर खीरी जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री सरकारी जमीनों जैसे चरागाह, तालाब, श्मशान,खाद के गडढो सार्वजनिक उपयोग की जमीनों व धार्मिक स्थलों की जमीनों पर अवैध कब्जा के खिलाफ करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने के साथ-साथ बुलडोजर की कार्यवाही किए जाने के आदेश प्रदेश के मातहतो को जारी किए जा रहे है। वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार के उपयोगी अफसरों और राजस्व कर्मियों की धनलोलुपता के चलते भू माफिया इनसे साठगांठ करके अजब गजब कारनामें दिखा रहे हैं।
मामला तहसील लखीमपुर के कस्बा खीरी टाउन जिला खीरी का है। जहां प्रदेश सरकार के आदेशों का कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। जनपद खीरी में रसूखदार एवं साधन संपन्न लोगों ने जिस तरीके से अफसर और राजस्व कर्मियों से मिली भगत कर बड़े पैमाने पर कीमती जमीनों और धार्मिक स्थलों श्री राधा कृष्ण मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला तहसील लखीमपुर के अंतर्गत कस्बा खीरी टाउन के मोहल्ला पट्टी रामदास का है। जहां पर कस्बा के कथित बहु चर्चित भूमाफिया आफताब खान के द्वारा किए जा रहे अवैध कब्जा से हर कोई परेशान नजर आ रहा है।
इसी क्रम में विख्यात भू माफिया द्वारा सैकड़ो वर्ष पुराने श्री राधा कृष्ण मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करके रावण राज्य कायम कर दिया है।इस मामले की दर्जनों शिकायतें जीतू माथुर पुत्र संजय माथुर ने ऑनलाइन पोर्टल पर व जिला अधिकारी खीरी के समक्ष सशरीर पेश होकर समस्त साक्ष्यो सहित की और पुलिस अधीक्षक खीरी से न्याय की गुहार लगाई।
उक्त अवैध कब्जा धारकों के विरुद्ध कार्यवाही के नाम पर आश्वासन लो और चलते बनो की ही दास्तां बयां कर रही है। और ऑनलाइन शिकायतों का फर्जी एवं भ्रामक जांच रिपोर्ट लगा निस्तारण कर शासन प्रशासन को गुमराह किया जाता रहा। काश बाबा का बुलडोजर एक बार कस्बा खीरी निवासी दहशतगर्द भू माफिया आफताब खान जो बर्खास्तसुदा सिपाही है।
द्वारा दबंगई और अवैध कब्जा करके बनाए गए साम्राज्य पर चल जाता तो शायद कस्बा खीरी में आयी सरकारी जमीनों को कब्जा करने की बाढ़ पर काफी हद तक अंकुश लग जाता। उक्त दबंग भू माफियाओं द्वारा क्षेत्रीय लेखपाल और स्थानीय पुलिस के साथ मजबूत गठजोड़ बना लिया है। जिसके चलते बेखौफ होकर श्री राधा कृष्ण मंदिर की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। दर्जनों शिकायतों के बावजूद कब्जाधारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना उक्त जमीन को कब्जा मुक्त ही कराया जा सका ।इस खेल में लेखपाल की भूमिका अहम बताई जा रही है कस्बा वासियों के बताएं के अनुसार उक्त व्यक्ति काफी हेकड़ दहशतगर्द दबंग भू माफिया है।
यह गिरोह बनाकर कई लोगों की जमीन छीन चुका है। इसके भय से भयभीत शिकायतकर्ता जीतू माथुर ने पुलिस अधीक्षक खीरी सहित तहसील समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र देकर मंदिर की जमीन को अवैध मुक्त कराए जाने तथा जान माल की सुरक्षा किए जाने की गुहार लगाई है। शिकायतकर्ता जीतू माथुर के बताएं अनुसार उक्त आफताब एक बहुत बड़ा भू माफिया एवं बर्खास्त शुदा सिपाही है। जिसने कस्बा में स्थित तालाब घाटा संख्या 321 322 नान जेड ए मे दर्ज पर भी कब्जा कर लिया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त भू माफिया द्वारा कई लोगों को डरा धमका कर उनकी जमीन छीन चुका है ऐसा लोगों का आरोप है।शिकायतकर्ता व कुछ अन्य लोगों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उक्त भूमिया का एक गिरोह सक्रिय है जो क्षेत्रीय लेखपाल से मिली भगत करके सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा का खेल खेल रहे हैं। बताया जाता है कि उक्त भू माफिया द्वारा कस्बा खीरी में स्थित तालाब की जमीन गाटा संख्या 321 ब 322 पर भी कब्जा किए बैठा है।
यदि उक्त जमीन का बैनामा भी कराया गया है तो तालाब की जमीन की बिक्री कैसे हो सकती हैं। बावजूद इसके नियम कानून को ताक पर रखकर अवैध कब्जा का खेल खेला जा रहा है ऐसा लोगों का मानना है कि जिम्मेदारों की सरपरस्ती में आफताब खान द्वारा तालाब के नाम दर्ज दोनों गाटों की जमीन को कब्जा कर लिया है ।जो एक जांच का विषय है यह जानते हुए जिम्मेदार उच्च अधिकारियों को मामले की वास्तविकता से अवगत कराने की बजाय गुमराह करने में लगे देखे जा रहे हैं।
अब देखना यह है कि तालाब की जमीन की खरीद फरोख्त कर कब्जा करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही होती है या फिर लीपा पोती कर मामले को दबा दिया जाएगा। फिलहाल थाना दिवस में दी गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए उप जिला अधिकारी सदर सदर श्रद्धा सिंह ने शिकायतकर्ता को एक हफ्ते में कार्यवाही का आश्वासन दिया है ।और मामले का संज्ञान ग्रहण करते हुए जांच के आदेश मातहतो को दिए हैं।
वहीं जब इस संबंध में क्षेत्रीय लेखपाल रमाकांत मिश्रा से उक्त मामले पर जानकारी चाही गई तो उन्होंने बताया कि दीवार महेश चंद्र माथुर ने उठाई है और एक प्लाट आफताब ने खरीदा है। मंदिर अलग बना है प्लांट अलग है। लेकिन उक्त जमीन तो राधा कृष्ण मंदिर की ही है भले ही वह अलग है तो सरवराकार को मंदिर की जमीन बेचने का अधिकार महेश चंद्र माथुर को कैसे हो गया।और किस आधार पर मंदिर की जमीन को आफताब खान ने खरीदा और कब्जा कर लिया गया।इन यक्ष प्रश्नों के उत्तर किसी भी सक्षम अधिकारी खीरी के पास ढूंढे नहीं मिल पा रहे हैं।
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