जर्जर भवन के एक कमरे में बच्चो को दी जा रही शिक्षा
प्राथमिक विद्यालय देवपुरा में नियुक्ति शिक्षिका महीनों से रहती गायब की बच्चो ने दी जानकारी
विभागीय अधिकारियों के लापरवाही से 265 बच्चो का भविष्य हुआ अंधकार मय
विशेष संवाददाता मसूद अनवार की रिपोर्ट
सरकार का यह स्लोगन एक रोटी खाएंगे बच्चों को पढ़ाएंगे के दावे की बात की जाए तो तमाम स्लोगन और तमाम दावे जो शिक्षा से संबंधित है बेकार साबित हो रहे और बच्चों के भविष्य को लेकर शिक्षा विभाग के उदासीनता के चलते बच्चो के भविष्य को लेकर बड़ा सवालिया निशान लगता देखा जा रहा है ।जिसमें विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही साफ झलकती है ।

जिसको लेकर अक्सर देखा जा रहा है कि सरकारी स्कूलों में कहीं बच्चे नहीं तो कहीं अध्यापक की कमी ,तो कही भवन नहीं के साथ शौचालय नहीं की बात सामने आती है। इसके साथ ही मिड डे मील योजना के नाम पर बच्चों को जो भोजन परोसा जाता है वह भी गुणवत्ता विहीन होने की बात सामने आ रही है। जबकि शिक्षा विभाग के दावे तो निराले हैं जहां दावे तो यही होते हैं की विभागीय जिम्मेदारी के द्वारा शिक्षा विभाग को दी जाने वाले तमाम सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और समय-समय पर उनकी जांच करने के साथ समस्याओं के निस्तारण के दावे भी लगातार किये जा रहे हैं। लेकिन जो तस्वीर सामने आ रही है वह सारे दावे और वादों के उलट साबित हो रही है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी खुद मियां मिट्ठू बन अपनी पीठ थपथपाने का कार्य कर रहे हैं।
मामला तहसील तुलसीपुर के शिवपूरा ब्लॉक से जुड़ा हुआ है जिससे अंतर्गत देवनगर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय देवपुरा में प्राथमिक विद्यालय में समस्याओं की भरमार है जहां बच्चों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ की तस्वीर सामने आई है। आपको बता दें कि विद्यालय का भवन जर्जर और टूटा हुआ है छत तक नही है। साथ ही लगभग 300 बच्चों की शिक्षा एक कमरे में दो अध्यापकों के सहारे की जा रही है। इसमें शौचालय की स्थिति बदतर है के साथ विद्यालय कक्षा टूटा हुआ है और भवन जर्जर है ।

। इसके साथ बच्चों का हाल तो यह है कि उनको मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम तक नहीं पता है । इसके साथ ही अध्यापकों के ना आने की बात भी उपस्थित बच्चो ने बताई है ।प्राथमिक विद्यालय में दो अध्यापक नेहा वर्मा और प्रिंस शुक्ला की तैनाती के साथ सहायक अध्यापक नेहा वर्मा है और 1 से 5 तक की कक्षाओं के बच्चो को शिक्षा दी जाती है की बात उपस्थित सहायक अध्यापक के द्वारा बताई गई है कि हम एक ही कमरे मैं शिक्षा देने को मजबूर है ।
जबकि विभाग की अधिकारियों को इस संबंध में विद्यालय समस्याओं से अवगत कराया गया है लेकिन अब तक कोई समाधान न होने से शिक्षक कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है । जबकि विद्यालय में इस समय 263 छात्रों का नामांकन है। इसके साथ ही बच्चों से पूछने पर उन्होंने बताया कि मिड डे मील के चावल कच्चे होते हैं और बिना मानक और मीनू के भोजन बनवाया जा रहा के साथ में नेहा वर्मा मैडम के ना आने के बात भी बताई गई है जो काफी दिनों से स्कूल नहीं आ रही है।

जबकि यहां का मौसम कागजों में गुलाबी है और सारी व्यवस्थाएं कागजो में मौजूद है जिसकी तस्वीरें बताते हैं कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार बच्चो के शिक्षा के लिये कितना चिंतित है । इस समस्या को लेकर जब जिला शिक्षा अधिकारी से पक्ष को लेकर बात की जाती है तो नम्बर नही लगने की समस्या के कारण बात नही हो सकी।

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