मंडी की दुकानों में फर्जीवाड़े की आशंका, पत्रावली तलब

मंडी की दुकानों में फर्जीवाड़े की आशंका, पत्रावली तलब

 
पीलीभीत।
 
मंडी समिति में रोड की ओर बनी दुकानों को लेकर घपलेबाजी की आशंका जताई जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि दुकानें आवंटित किसी को हैं और उस पर काबिज कोई और है। इससे राजस्व की क्षति हो रही है। मंडी समिति के सभापति सिटी मजिस्ट्रेट ने सचिव से दुकानों के आवंटन से संबंधित पत्रावलियां तलब की हैं। बोले- दुकानों का मौके पर पहुंचकर सत्यापन भी कराया जाएगा।
 
मंडी समिति की दुकानें आवंटित की जाती हैं। इसमें जो दुकान लेता है उसी का कब्जा होता है। पीलीभीत मंडी में मिलीभगत से खेल और ही चल रहा है। यहां पर दुकान तो किसी और के नाम पर आवंटित है, लेकिन काबिज कोई और है। इससे राजस्व विभाग को भी हर माह नुकसान हो रहा है।
 
यही नहीं प्रशासन के पास ऐसा मामला भी पहुंचा कि दुकान अपने नाम कराने के बाद उसकी बिक्री कर दी गई। यह खेल मंडी के बाहर रोड किनारे की दुकानों पर किया गया है। अब तक इसको लेकर कोई भी अधिकारी जांच नहीं करा सका है। मामला संज्ञान में आने के बाद मंडी के सभापति सिटी मजिस्ट्रेट ने अब इसको लेकर कड़ा रुख अपनाया है।
 
उन्होंने दुकानों से संबंधित पूरी पत्रावली सचिव से मांगी है। उन्होंने मंडी में कितनी दुकानें हैं, कितनों का कब-कब किसे आवंटन किया गया, यह सभी जानकारी मांगी है। सभापति की ओर से पत्रावली मांगे जाने से मंडी के कर्मचारियों व अधिकारियों में खलबली है। बताया जा रहा है कि इस खेल में कहीं न कहीं मंडी के लोगों की भी मिलीभगत हो सकती है।
 

मंडी में हैं 531 दुकानें

 
पीलीभीत मंडी परिसर के अंदर श्रेणी ए की 39, श्रेणी बी की 98, श्रेणी सी की 113, श्रेणी डी की 20, गोदाम 51 व किसान बाजार की दुकानें 208 दुकानें हैं। इनके अलावा एक दुकान में कृषक सेवा केंद्र संचालित है। दूसरी में इंडियन बैंक की ब्रांच चल रही है। कुल दुकानों की बात करें तो 531 दुकानें मंडी समिति पीलीभीत की चल रहीं हैं और इनका मासिक राजस्व करीब तीन से चार लाख होता है।
 
मंडी की दुकानों को बिक्री करना और अवैध रूप से कब्जा कराने का मामला संज्ञान में आया है। इसको लेकर पत्रावली तलब की गईं हैं। पत्रावली मिलने के बाद मौके पर जाकर सत्यापन कराया जाएगा। - सुनील कुमार सिंह, सभापति, मंडी समिति

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