Apple का Alert कितना सच कितना झूठ, क्यों घबराये है विपक्षी नेता 

Apple का Alert कितना सच कितना झूठ, क्यों घबराये है विपक्षी नेता 

Apple Iphone: आईफोन में Apple का एक अलर्ट मंगलवार को देश में बड़ी बहस का मुद्दा बन गया. शशि थरूर, महुआ मोइत्रा, राघव चड्ढा समेत विपक्ष के नेताओं ने एक के बाद एक सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. अलर्ट का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर शेयर कर केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. राहुल गांधी ने तो इसे लेकर बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर दी और सरकार पर विपक्षी नेताओं की जासूसी का आरोप लगाया. मामले में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार मामले की तह तक जाएगी. विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को सिर्फ आलोचना करने की आदत है.

मंगलवार सुबह देश के कई विपक्षी नेताओं ने अपने आईफोन पर Apple की ओर से अलर्ट मैसेज भेजे जाने की बात कही, इन नेताओं का दावा है कि उनका फोन हैक करने की कोशिश की जा रही है, मामले में Apple की तरफ से जो बयान जारी किया गया उसके बाद तो ये बवाल और बढ़ गया. Apple की ओर से कहा गया कि अलर्ट क्यों जारी किए गए इसे ट्रैक नहीं किया जा सकता.यह भी संभव है कि यह अलर्ट गलत हो सकते हैं.

क्या थी वजह जो अलर्ट जारी करना पड़ा 
आईफोन यूजर्स को जो अलर्ट भेजा गया उसमें लिखा था कि- अलर्ट: स्टेट स्पांसर्ड अटैकर्स आपके फोन को निशाना बना सकते हैं. आपकी Apple आईडी से जुड़े फोन को खतरे में डालने की कोशिश की जा रही है, हो सकता है कि आपको व्यक्तिगत तौर पर निशाना बनाया जा रहा हो, यदि आपकी डिवाइस से छेड़छाड़ की गई है तो हो सकता है कि आपका फोन और उससे जुड़ा डाटा, दूर से ही एक्सेस किया जा रहा हो, इसीलिए चेतावनी को गंभीरता से लें.

इससे पहले भी एक बार Apple की ओर से आईफोन यूजर्स को स्टेट स्पांसर्ड अटैक की चेतावनी जारी की गई थी, 2021 में Apple ही नहीं बल्कि गूगल ने भारत ही नहीं बल्कि कई देशों को यूजर्स को ऐसा ही अलर्ट भेजा था, इसके बाद पेगासस का मुद्दा उछला था. इसमें दावा किया गया था कि इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस की मदद से लोगों के फोन हैक किए जा रहे हैं.

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Apple अपने यूसर्ज को किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर एक अलर्ट भेजता है, स्टेट स्पांसर्ड अटैक को नियमित साइबर अपराधियों द्वारा किए गए अटैक से अलग माना जाता है, जो लोगों को ठगने के लिए निशाना बनाते हैं. स्टेट स्पांसर्ड अटैक ऐसे अटैकर्स के लिए यूज होता है जो फाइनेंशियल बहुत स्ट्रांग होते हैं, उनके पास विशिष्ट व्यक्तियों या उनकी डिवाइस को हैक करने के बहुत संसाधन होते हैं.

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Apple के मुताबिक इन हमलों को विकसित करना बहुत महंगा होता है, ऐसे हमले से बचने के लिए ही Apple ने इस तरह की प्रणाली विकसित की है जो इस तरह के हमलों से बचने की गतिविधि का पता ला सकती है, ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी नेताओं को अलर्ट का जो मैसेज मिला है वह इसी प्रणाली का हिस्सा है. हालांकि Apple ने यह भी कहा है कि ये अलर्ट झूठा भी हो सकता है, क्योंकि हर बार ये सही नहीं होता. Apple को जब ये पता चलता है कि उसके यूजर के फोन को हैक करने की कोशिश हो रही है तो वह ईमेल या I मैसेज के माध्यम से उन फोन नंबरों पर अलर्ट भेजता है जो यूजर की Apple ID से जुड़े हैं.

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Apple की ओर से अलर्ट आने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि Apple की ओर से मेरे ऑफिस के सभी लोगों को अलर्ट आया है, राहुल गांधी ने कहा कि सरकार युवाओं का ध्यान इधर-उधर ले जाती है, आपके अंदर नफरत गुस्सा पैदा करते हैं, जब आप इनके चक्कर में पड़ते हैं तो ये धन उठाकर ले जाते हैं, उन्होंने अडानी का नाम लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. इसी तरह कांग्रेस सांसद शशि थरूर, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, AAP के राघव चड्ढा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी फोन का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साधा.

राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेताओं के आरोप पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि- आईफोन यूजर्स को जो अलर्ट मिला है उसे लेकर सरकार बहुत गंभीर है और इस मुद्दे की तह तक जाएगी. उन्होंने कहा कि Apple ने 150 देशों में अलर्ट जारी किया है, जो अनुमान पर आधारित है, ये सब जानते हैं कि Apple का फोन हैक नहीं किया जा सकता, विपक्षी नेताओं की ओर से लगाए जा रहे आरोप पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को सिर्फ आलोचना की आदत है, ये देश की उन्नति को नहीं पचा पा रहे हैं.

अलर्ट मिलने के बाद जब बवाल शुरू हुआ और विपक्षी नेताओं ने Apple को टैग कर अलर्ट मिलने की जानकारी दी तो Apple ने इस मामले में बयान जारी कहा कि – ‘स्टेट स्पांसर्ड अटैकर्स अच्छी फंडिंग वाले और ट्रेंड में हैं, इनके तरीके बदलते रहते हैं, ये पता लगाना मुश्किल है कि ये साइबर अटैक कहां से हो रहा है. कई बार ये झूठ भी साबित होते हैं. इस बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती कि ये मैसेज क्यों जारी करने पड़ रहे हैं, क्योंकि ऐसा करने से हैकर्स को और मदद मिल सकती है. Apple के सपोर्ट पेज की मानें तो ऐसा अलर्ट तब मिलता है जब किसी के आईफोन को हैक करने की कोशिश की जाती है.

आईफोन पर हैकिंग का अलर्ट आने के बाद बवाल इस बात पर मचा है कि सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही यह मैसेज क्यों मिला? क्योंकि सिर्फ विपक्ष के नेताओं ने ही इसकी शिकायत कि, नेताओं का दावा है कि यदि इसे एक बग मान भी लिया जाए तो आखिर अन्य लोगों को यह अलर्ट क्यों नहीं मिला. इसी को लेकर राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेता एक सुर में केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं, हालांकि सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि यह अलर्ट सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि 150 देशों के आईफोन यूजर्स के पास आया है.

यदि किसी आईफोन पर इस तरह के अलर्ट का मैसेज आता है तो आईफोन यूजर्स खुद को बचा सकते हैं, इसके लिए आईफोन में लॉकडाउन मोड दिया गया है. इस मोड में जाते ही फोन में एक सुरक्षा लेयर बन जाती है, यानी फोन तो पहले की तरह से काम करता रहेगा, लेकिन कुछ वेबसाइटों और लिंक पर प्रतिबंध लग जाते हैं, जिनसे आपका फोन हैक किया जा सकता है. इसीलिए यदि किसी को इस तरह का अलर्ट मिले तो वह लॉकडाउन मोड में जाकर अपना बचाव कर सकता है.

 

 

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