'न नौ मन तेल आयेगा न राधा नाचेगी' जटहां बाजार में लगी आरओ प्लांट तेरी अजब कहानी

'न नौ मन तेल आयेगा न राधा नाचेगी' जटहां बाजार में लगी आरओ प्लांट तेरी अजब कहानी

कुशीनगर, स्वतंत्र प्रभात।  आपने एक कहावत जरूर सुना होगा 'न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी' हालांकि, ये बहुत कम इस्तेमाल होने वाली कहावत है, लिहाजा इसका असली मतलब बहुत कम लोग ही जानते हैं। कम इस्तेमाल होना तो एक अलग बात है, ये कहावत थोड़ी पेचीदा भी है। पेचीदा इसलिए, क्योंकि इस कहावत में मौजूद आरओ प्लांट और जनसरोकार दो शब्द के बीच कोई खास संबंध समझ में नहीं आता है। इसके अलावा, क्या शुद्ध पेयजल पीने के लिए किस चीज की जरूरत पड़ती है या फिर आखिर वो कौन कमी है जिसके लिए नौ मन तेल की आवश्यकता पड़ ही जाती है। 
 
अब हम आपको बताते हैं जनपद कुशीनगर और उत्तर प्रदेश का एक अक्षादित गांव है जिनके उपलब्धि के नाम पर सरकार 2 करोड़ रूपया तोहफा भी दे चुकी है उसी गांव की कहानी मैं बताता हूं जनपद के विशुनपुरा विकासखंड के ग्राम पंचायत जटहां बाजार में ब्लॉक प्रमुख विंध्यवासिनी श्रीवास्तव द्वारा कई लाख की एक आरओ प्लांट की स्थापना की गई लेकिन इस आरओ प्लांट को चलाने के लिए या देखरेख करने के लिए किसी कर्मचारी की आवश्यकता महसूस नहीं की गई आज आलम यह है कि मेन मार्केट जटहां बाजार में लगी आरओ प्लांट व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही है लेकिन इसे देखकर किसी को थोड़ी जरूरत भी महसूस नहीं हो रही है कि लाखों की लागत से स्थापित किया गया आरओ प्लांट से बूंद बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे है। तुरुप के पत्ते के समान यह एक सच्चाई है जब से आर ओ प्लांट लगा तब से गांव की एक युवा  सिब्बन मोदनवाल है जो आर ओ प्लांट स्थापित होने के बाद से लोगों को पानी पिलाने के लिए शिद्दत से लगा रहता है लेकिन दुर्भाग्य है कि फ्री में कर्मयोगी मिलने के बाद भी आरओ प्लांट से पानी निकालना तो दूर लोग पानी के लिए आज आम जनमानस तरस रहा है। 
 
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