पाकिस्तान जलने की कगार पर तो आई आतंकवाद से लड़ने की याद
इंटरनेशनल न्यूज़
मुनीर ने बताया कि इस तरह के हमलों को अंजाम देने वालों का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है। ज्यादा जानकारी दिए बिना उन्होंने बताया, ''इन आतंकवादियों और उनके आकाओं का धर्म व विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है और ये पाकिस्तान और उसके लोगों के दुश्मन हैं।'' पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बताया, ‘‘सुरक्षा बल अपनी पूरी ताकत के साथ इन बुरी ताकतों का सामना करना जारी रखेंगे।''
उन्होंने बताया, ''आतंकवादियों के खिलाफ हमारा अभियान प्रचंड तरीके से जारी रहेगा और सशस्त्र बल, खुफिया व कानून प्रवर्तक एजेंसियां जब तक देश से आतंकवाद को जड़ से खत्म नहीं करतीं तब तक चैन से नहीं बैठेंगी।'' बलूचिस्तान में हमले की किसी भी समूह ने अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि प्रतिबंधित तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को पाकिस्तान में इस तरह के हमलों को अंजाम देने के लिए जाना जाता है लेकिन उसने भी इसमें शामिल होने से इनकार किया है।
उन्होंने बताया कि यह विस्फोट मस्तुंग में मदीना मस्जिद के समीप पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिवस के मौके पर निकाले गए जुलूस को निशान बनाकर किया गया था। उन्होंने बताया कि वहीं खैबर-पख्तूनख्वा के हांगू में एक पुलिस थाने की मस्जिद को निशाना बनाकर किए गए दूसरे विस्फोट में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 12 अन्य लोग घायल हो गए थे। अधिकारी के मुताबिक, विस्फोट के प्रभाव से मस्जिद की छत ध्वस्त हो गई थी। सेना की मीडिया शाखा ने शनिवार रात को एक बयान में बताया कि सेना प्रमुख ने शनिवार को क्वेटा का दौरा किया, जहां उन्हें हालिया आतंकी हमलों के बारे में जानकारी दी गई।

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