पूर्व निर्धारित मुद्दे को छोड़कर चीनी घुसपैठ का मुद्दा ज्यादा अहम: राहुल गाँधी 

पूर्व निर्धारित मुद्दे को छोड़कर चीनी घुसपैठ का मुद्दा ज्यादा अहम: राहुल गाँधी 

रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक में एक बार फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सत्ता पक्ष के सांसद आमने-सामने आ गए. सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन के एनेक्सी बिल्डिंग में सुबह हुई संसदीय समिति की बैठक में अचानक राहुल गांधी ने चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठा दिया. इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने ऐतराज जताया. उनका कहना था कि, इस बैठक के लिए जो पूर्व निर्धारित मुद्दे तय हैं, उसी पर चर्चा हो लेकिन राहुल चीनी घुसपैठ के मुद्दे को अहम बताते हुए उस पर सवाल करते रहे.

सूत्रों के मुताबिक बमुश्किल से ये मुद्दा शांत हुआ ही था कि एक अन्य कांग्रेस सांसद ने वन रैंक वन पेंशन का मसला उठा दिया. एक बार फिर सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की और बैठक में पहले से तय मुद्दों से अलग मुद्दे उठाने के लिए राहुल के साथ दूसरे सांसदों से कड़ा एतराज जताया. उनका कहना था कि बार-बार सिर्फ राजनीति के लिए ऐसी चीजें दोहराई जा रहीं हैं, जो गलत है.

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पहले भी भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. कुछ दिन पहले ही लद्दाख के दौरे पर गए राहुल गांधी ने कहा था कि यहां के लोगों ने मुझे बताया है कि लद्दाख में चीनी सीमा घुसी हुई है. चीन के सैनिकों ने हमारी जमीन छीन ली है. इस सवाल के साथ ही राहुल गांधी ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी.

1 मई 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर झड़प हो गई थी. इस झड़प में कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे. इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. अभी दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरे भी नहीं थे कि 15 जून की रात गलवान घाटी पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए.

 इस घटना में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए जबकि चीन के 38 से ज्यादा जवानों की मौत हो गई. इस घटना ने दोनों देशों के रिश्ते नाजुक दौर में पहुंचा दिए. इसके बाद से करीब एक साल तक दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति रही. दोनों ओर से बॉर्डर पर भारी संख्या में हथियार और 50,000 से 60,000 सैनिकों की तैनाती की गई.

 

 

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