कब तक होता रहेगा मरीजों के जान के साथ खिलवाड़...

सहारा हॉस्पिटल के डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी व अमित त्रिपाठी की लापरवाही ने कई परिवारों को बेसहारा बनाया

यमराज का दूसरा रूप सहारा हॉस्पिटल की संचालिका पीड़ित परिवार नें कहा..

स्वतंत्र प्रभात 
गोंडा :

जिला महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी व अमित त्रिपाठी बहराइच रोड कुंवर टॉकीज के बगल जानकीनगर में स्थित में अपना एक निजी नर्सिंग होम चला रहे हैं।इस बार जिले के इमरती विसेन गांव निवासी रामकृपाल गोस्वामी सहारा हॉस्पिटल के डॉ. माधुरी त्रिपाठी का शिकार हुए हैं।पैसों के लालच में इस अस्पताल के डॉक्टर ने एक और महिला की जान ले ली है। सहारा हॉस्पिटल आज से नहीं बल्कि वर्षों से विवादों में रहा है। 

इस तरह से दर्जनों आरोप सहारा हॉस्पिटल पर लगते रहे है। यह हॉस्पिटल डॉ. माधुरी त्रिपाठी व अमित त्रिपाठी का है। जो खुद जिला महिला अस्पताल में तैनात हैं। गरीब और लाचार लोगों को बेहतर इलाज के नाम पर आशा बहुओं के जरिये फंसा कर अपने निजी अस्पताल में लेकर जाती हैं। जिससे मोटा पैसा कमाया जा सके कई मरीजों का यह हॉस्पिटल काल कोठरी साबित हुआ है। और कई मरीज सहारा हॉस्पिटल से बेसहारा भी हो चुके हैं। इस हॉस्पिटल में ना ही पेन मेडिकल स्टाफ है। और न स्ट्रक्चर है। वही रामकृपाल गोस्वामी ने बताया कि वह  आपनी बहू को लेकर जिला महिला अस्पताल में गए हुए थे। वहां पर मौजूद डॉ.माधुरी त्रिपाठी ने बताया आपकी बहू का टाइम ओवर हो गया है। यहां पर पूरी रिस्क है.

 जिला महिला अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है. आप इनको सहारा हॉस्पिटल में ले जाइए फिर वहाँ पर मौजूद आशा बहू वंदना सिंह ने उनके परिजनों को सहारा हॉस्पिटल में डिलीवरी करने के लिए प्रोत्साहित किया और फिर डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी के इशारे पर आशा बहू वंदना सिंह ने महिला के परिजनों को और महिला को सहारा हॉस्पिटल ले आई।इसके बाद शुरू हुआ डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी व अमित त्रिपाठी का असली खेल डॉ माधुरी त्रिपाठी नें रामकृपाल के परिजनों से सीजर के नाम पर 20 हजार रुपए लिया और कहां सब कुछ नॉर्मल है कोई दिक्कत नहीं है सब कुछ ठीक हो जाएगा ऑपरेशन के दौरान जच्चा बच्चा स्वस्थ था। लेकिन अगले दिन महिला की तबीयत खराब होने लगी लेकिन डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी ने परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी 

मामला ज्यादा सीरियस होने पर डॉ. माधुरी त्रिपाठी ने महिला को आरएन पांडे अस्पताल में रेफर कर दिया वहां पर पहुंचते ही डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।वही डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी का साथिराना अंदाज यह है कि मरीज के परिजनों को इतना डरा दो कि वह अपनी जमीन जायदाद बेच कर अपने पेशेंट का इलाज करें घबराकर महिला के परिजनों ने सहारा हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। इसके बाद मृतक के परिजनों ने सहारा हॉस्पिटल के सामने हंगामा शुरू कर दिया पुलिस को सूचना दी इस दौरान सहारा हॉस्पिटल के डॉ. और स्टाफ अस्पताल से फरार हो गए

 अस्पताल के बाहर की लाइटों को बंद कर दी गई है। अस्पताल में दर्जनों भर्ती महिलाएं और बच्चों को भगवान भरोसे ही छोड़ गए सहारा हॉस्पिटल में आए दिन गरीब परिवारों के मरीजों साथ मौत का तांडव किया जाता है। सिर्फ और सिर्फ अवैध तरीके से पैसा कमाने के चक्कर में डॉ.माधुरी त्रिपाठी के ऊपर कई बार इस तरह के आरोप लगा चुके हैं। लेकिन अपने पैसे की पहुंच और अपने रसूख की वजह से इनका बाल भी बांका नहीं होता है।ऐसा नहीं है कि इस हॉस्पिटल के बारे में यहां की सीएमओ व अधिकारीओ को जानकारी ना हो आए दिन इस हॉस्पिटल कि शिकायत सीएमओ ऑफिस और थाने में की जाती है। लेकिन सीएमओ कार्यालय में बैठे जांच अधिकारियों के मुंह में गुलाबी नोटों की टेप लगा दी जाती है। 

सीएमओ और उच्च अधिकारी जिले की सीएचसी व पीएचसी चल व न चले इसकी कोई चिंता नहीं करते हैं। लेकिन इस तरह मौत बांटने वाले हॉस्पिटल जरूर चले इसके लिए हवा हवाई जांच जरूर करते है। और बाद में क्लीन चिट दे देते हैं।आशा बहुओ के सिंडिकेट से ऐसे हॉस्पिटल चलते हैं।इस हॉस्पिटल की डॉक्टर माधुरी त्रिपाठी व अमित त्रिपाठी कैसे काम करते हैं. जरा आप भी समझ लीजिए डॉ.माधुरी त्रिपाठी और अमित त्रिपाठी दोनों सुबह 8, बजे से दो बजे तक जिला महिला अस्पताल में रहते है।हॉस्पिटल में आने के बाद तीन घंटे में आराम करती है.

 इसके बाद आशा बहु के जरिये अपने चंगुल में फंसा कर लाई गईं गर्भवती महिलाओं को देखती है।महिला अस्पताल में रहने के दौरान अगर यहा पर भारतीय मरीजों की हालत बिगड़ती है तो उन्हें ना तो देखने वाला ना तो डॉक्टर साहिबा मिलेगी ना ही डॉक्टर साहब और ही स्टाप गोंडा में ज्यादा तक डॉक्टर ऐसे ही गरीब और अनपढ़ भोले भाले गाँव वाले की जिंदगी भर मेहनत की कमाई को लूट लेते हैं। यहां पैसे किसी बड़े शहर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बराबर ली जाती है। उसके बाद भी मरीज बच गया तो किस्मत उसी की नहीं तो यमराज का ठिकाना ऐसे डॉक्टरों के पास तो रहता ही है।

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