मा कामख्या शक्तिपीठ में महा अम्बुबाची मेला

पांच हाज़रो से अधिक नागा साधुओं ने यज्ञ में लेंगे भाग

मा कामख्या शक्तिपीठ में महा अम्बुबाची मेला

राज्यों सरकार के तरफ के कड़ी की गई नीलांचल पर्वत के सुरक्षा व्यवस्था।

22 जून रात 2 बजे 32 मिनिट से अम्बुबाची प्रवित्ति। 26 जून दिन के  2 बजे 56 मिनिट  के बाद अम्बुबाची निब्रिति

 

असम धेमाजी से संजय नाथ की खास रिपोर्ट  

हिन्दू धर्म मे मा दुर्गा की इक्यावन शक्तिपीठों में एक है मा कामाख्या शक्तिपीठ को माना जाता है । असम के गुवाहाटी महानगर से  आठ किलोमीटर दूरी पर स्थित नीलांचल पर्बत शृंखला में बनी है।

mata kamakhya peeth in assam

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मान्यता है कि नीलांचल पर्बत पर माता का योनि भाग गिरा था। कामाख्या इसकी शक्ति है व भैरव को उमानंद कहते हैं। कामाख्या मंदिर में  देवी की योनी सरूप की पूजा  हता है। मंदिर में कई मूर्ति की पूजा नहीं होती। मंदिर के गर्वगृह में एक जल कुंड है जो फूलों से ढकी हुई रहते है कुंड का पूजा किया जाता है।

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लोकाचार है कि मंदिर में जो भी श्रद्धालु अपनी मन्नत लेके आते हैं  मा कामाख्या उनका मन्नत पूरी कर देते है। इसीलिए हरदिन मंदिर में देश -विदेशो से हज़ारों भक्तों माता की पूजा के लिए बीड़ करते हुए दिखाई देती है।kamakhya maa peeth

नीलांचल पर्बत को तंत्रविद्या के साधना का केन्द्रबीन्धु माना जाता है । तांत्रिक ,नागा बाबा, सन्यासी, साधु , संतो  नीलांचल पर्बत में साधना करने के लिए  हरसाल आम लोगों की तरह बीड़ करते है। इनमे अघरी बाबाओं का आना और उनके कारनामा आकर्षण के केन्द्रबिन्दू रहते है। इस भर पांच हाज़रो से अधिक नाग साधुओं ने यज्ञ में भाग लेने की प्रबंधन किया गया है। कामाख्या मा साल में एक बार चार दिनों के लिए रजस्वला में रहते है इनदिनों मंदिर के  मुख्यद्वार बंद कर दिया जाता है।

maa kamakhya peeth

 इसे अम्बुबाची इया असम में सात कहा जाता है इसदौरान मंदिर आंगन में मेला लगती है। जिसे अम्बुबाची मेला कहा जाता है। हर साल साधु-संन्त के अलावा देश-विदेशो से 3 लाखों से ज्यादा श्रद्धालुओं ने नीलांचल पर्वत में अम्बुबाची मेले में भाग लेते है,दिनरात मंदिर आंगन में नाम कीर्तन ,भजन गा कर मेला में चार चांद लगा देते हैं। और मा की पूजा अर्चना करते है।इसबार 22 जून रात  2 बजे 32 मिनिट से मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया है ।

mata kamakhya peeth assam

पीसले सालों में श्रद्धालुओं कोरोना के कारण मेला में कम दिखाई दीए थे, पर इसभर 5लाख से अधिक देश-बिदेशो से श्रद्धालुओं अम्बुबाची मेले में भाग ले सकते हैं। मंदिर संचालन समिति ने 26 जून रात 2 बजे 56 मिनिट  के बाद अम्बुबाची निब्रिति होने पर मंदिर के मुख्यद्वार खुलेंगे औऱ विधिविधान अनुसार पूजा पाठ करेंगे।

maa kamakhya dharm peeth

इसबार अम्बुबाची मेले में लोगों की बिड़ को देखकर राज्यों सरकार ने नीलांचल पर्वत पर सुरक्षा व्यवस्था बड़ा दी है। श्रद्धालुओं के सुबिधा के लिए मंदिर संचालन समिति के अलावा मंदिर के आसपास सरकार की तरफ से मदत के लिए प्रशासन के लोग तैनात रहेंगे।

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