भ्रष्टाचार वाह साहब जी वाह डीएम,ADM ठग,श्रम विभाग के अधिकारी को ईट भट्टे के मालिक ने

भूखों को फलाहार करवा कर एक फोन पे चेहरे की मुस्कान व गरीब मजदूर  बच्चो के अन्नदाता बने थे ADM शिव प्रताप शुक्ला 

भ्रष्टाचार वाह साहब जी वाह डीएम,ADM ठग,श्रम विभाग के अधिकारी को ईट भट्टे के मालिक ने

भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार परायण प्राणप्रतिष्ठा तो नहीं मजदूरों के मामले में शोषण के साथ अमानत में खयानत का मामला, श्रम विभाग अधिकारी शिकायतों के बावजूद कर रहें हीला हवाली

 

रिपोर्ट चंदन दुबे

मीरजापुर

स्वतंत्र प्रभात मीरजापुर ।

वाह साहब जी वाह डीएम ठग ,ADM को ठग  लिया पत्रकार के कलम को,श्रम विभाग अधिकारी को ईट भट्टे के मालिक ने विश्वास में रख कर विश्वास घात किया है।

बता दें कि मामला भ्रष्टाचार और लापरवाही से जुड़ा हुआ है। जहां बताते चलें की  बीते 30 मई को कलेक्ट्रेट परिषद में ईट भट्ठा पर काम करने वाले भूख प्यास से व्याकुल और न्याय की उम्मीद में 20-25 मजदूर छोटे छोटे बच्चो सहित जनपद के सदर तहसील  सदर ब्लाक के थाना पड़री,चौकी पैडापुर के रामनगर सीकरी गांव से सुबह 25 किलोमीटर दूर पैदल चलकर डीएम ऑफिस पहुंचे। जहां जिले में गंगा दशहरे का त्यौहार था।

जहां सारे अधिकारी यहां तक की जिलाधिकारी भी त्यौहार को लेकर व्यस्त थे। जहां उस दिन जिला कलेक्टर पर 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस भी मनाई गई थी। जहां सुबह से ही भूखे प्यासे अपने छोटे बच्चों के साथ मजदूर अपनी उत्पीड़न,मजदूरी और समस्या को लेकर डीएम से मिलने पहुंचे थे। जहां त्यौहार के मद्देनजर जिलाधिकारी कार्यालय पर कोई मौजूद नहीं था। जहां पत्रकारों की और वकील की मौजूदगी से मामला हाईलाइट हुआ तो,वही से डीएम महोदया को फोन लगाया गया।

जहां Pro ने फोन उठाया और एडीएम साहब से बात करने को कहा एडीएम शिवप्रताप शुक्ला साहब को फोन लगाया गया तो व्यस्तता में भी अपनी मौजूदगी को समझते हुए मजदूरों के पीड़ा की संवेदना को समझा और पद की गरिमा व मानवता की परिचय के साथ जिम्मेदार अधिकारी को दायित्व का निर्वहन करते हुए श्रम विभाग से जुड़े हुए जिम्मेदार अधिकारियों को फोन करके मामले को संज्ञान में लेकर निस्तारण के लिए आदेश दिया। जहां महज 15 मिनट के अंदर श्रम विभाग के कई अधिकारी कलेक्ट्रेट परिषद में मौजूद हुए।

वही इस बात का भी ध्यान रखा की मजदूर और उनके छोटे बच्चों रात भर से भूखे प्यासे थे जहां मजदूरों व बच्चों को फलाहार वह भोजन की व्यवस्था कराई गई। जहां ईट भट्ठे के मालिक वह मुंशी के द्वारा उनसे दुर्व्यवहार और मारपीट किया गया था, जहां इसकी शिकायत एसपी संतोष मिश्रा के प्रशासन को सूचना भी दिया गया पर पुलिसिया रवैया की कार्रवाई शून्य दिखी।

वही मौके पे ADM के आदेश से पहुंचे श्रम विभाग से निमेष पांडे, कौशलेंद्र सिंह, द्वारा मजदूरों को मौके पर मौजूद पत्रकारों के सहयोग से समझाते हुए पङरी थाना के पेड़ापुर पुलिस चौकी के रामनगर सीकरी ईट भट्ठा मालिक मुरारी सिंह के भट्टे पर गए जहां हिसाब किताब को लेकर स्थानीय मालिक मुरारी सिंह से बातचीत की गई। कई घंटे की हिसाब किताब के बाद समझौता हुआ । करीब 24 हजार नगद पैसा देकर बाकी अधिकारी और पत्रकार को गवाह बनाते हुए मजदूरों को आश्वस्त करके 2 जून को पैसा देने की बात कही गई थी। जहां पैसा खाते में देने के नाम पर धोखेबाजी की गई है।

अधिकारी अधंकार में ,पत्रकार को गुमराह, मजदूरों से किया गया धोखा

30 मई की रात को हिसाब किताब होने के उपरांत बैंक के खाता में पैसा देने की बात कह के मजदूरों को ट्रेन मे बैठा कर छत्तीसगढ़ भेज दिया गया। आपको बता दें की 3 जून बीत जाने के बाद भी मजदूरों का पैसा उनके खाते में नहीं भेजा गया।

जहां मजदूर अपने आपको ठगा महसूस करने लगे वही मजदूरों ने यह भी बताया की अधिकारियों के जाने के बाद ईट भट्टे के मालिक के द्वारा उन्हें रेलवे स्टेशन पर डराया धमकाया भी गया। और खाने-पीने तक का पैसा जो अधिकारियों के समक्ष बैठकर वादा किया गया था उसमें भी धोखेबाजी की गई। बताते चलें की मजदूर लगातार अधिकारी और पत्रकार से बात कर रहे हैं। जहां अधिकारियों के द्वारा मजदूरों को गुमराह किया जा रहा है। 

रायता फैला मिर्जापुर में समेटे इलाहाबाद वाह रे योगी जी वाह

यह तो वही पुरानी कहावत है की आंखों में धूल झोंकना  बता दें की जनपद में 30 मई को डीएम कार्यालय पर हुए मजदूरों के शोर-शराबे ने स्थानीय श्रम विभाग के नियमों का पोल खोल दिए और वही मजदूरों के साथ हुए दुर्व्यवहार की बात पर न्यायिक कार्यवाही की जगह उपेक्षा की जा रही है। बता दें की मजदूरों को आश्वासन देकर ट्रेन से छत्तीसगढ़ भेजा गया। जहां शिकायत है पैसा देने में अब हिला हवाली की जा रही है।

जहां शिकायतोपरांत अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने के लिए कह रहे हैं की यह इलाहाबाद प्रयागराज  का मामला है। वहा के अधिकारियों से बात कर मामले को संज्ञान दिया जाएगा। अब बात सोचने वाली यह है की वही मालिक इलाहाबाद में भी ईटभट्ठा संचालन कर रहा है।

और वही मिर्जापुर में भी जहां विवाद की स्थिति बनी है। लिखा पढ़ी करने के बाद अब पेमेंट इलाहाबाद का बताया जा रहा है। वही अगर दूरगामी नजरिए से देखा या सोचा जाए तो ईट भट्ठे के मालिक द्वारा मजदूरों को गुमराह करने के लिए अधिकारियों व पत्रकार को गवाह बना कर कागज पर साइन करा लिया गया था जहां विश्वास पात्र बनकर विश्वासघात का खंजर भोंका गया।

मुद्दे की महत्वपूर्ण बात


वही इस मामले पर जब 30 मई को असिस्टेंट लेबर कमिश्नर सुविज्ञ सिंह से बात की गई थी तो वह उस समय ट्रेनिंग में थे वही जब आज पूरे प्रकरण  पर स्वतंत्र भारत की टीम ने बात  की तो उनके द्वारा बताया गया कि इस मामले को जल्द से जल्द निस्तारण किया जाएगा

जहां उनके  द्वारा बताया गया कि हमने अपने जिले की मजदूरी मजदूरों को दिला दी है अब इलाहाबाद के पेमेंट की बात है तो हम इलाहाबाद क्षेत्र के अधिकारियों को मजदूरों के द्वारा एप्लीकेशन दिए जाने के बाद पत्र लिखकर सूचना देंगे जिससे वहां का पेमेंट भी उन्हें मिल जाएगा। वही महत्वपूर्ण बात है की जहा एक ही मालिक का मामला है, जिसे प्रयागराज इलाहाबाद का बता के वही उस प्रकरण को देखा जाए  तो अब ध्रुवीकरण किया जा रहा है।

सोचने वाली बात यह है कि जब रायता यहां फैला है तो समेटने की बात इलाहाबाद क्यों की जा रही है। जहां नजर रखने वाली बात यह भी है कि जब  अधिकारी,पत्रकार और मजदूरों के लिखा पढ़ी के साथ दस्खत हो गए बैंक खाते  में पैसा देने की पूरी बात हो गई तो फिर हिला हवाली क्यों। और अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह  कि क्या डीएम या एडीएम साहब को इस मामले की पूरी जानकारी की सूचना जो है वह दी गई है की नहीं उस रात के बाद से फाइलें बंद तो नही कर दी गई है,

क्या फिर इस मामले में जिलाधिकारी या एडीएम साहब के हस्तक्षेप के बाद ही मामला सुलझेगा। जहां अब देखने वाली बात सामने आएगी कि इस खबर के बाद जिले के दायित्व निर्वाहन जिम्मेदार अधिकारियों  के द्वारा क्या मजदूरों को न्याय दिलाया जायेगा,क्या उनका बकाया मेहनताना मिल पाएगा। क्या आगे से ऐसी घटना पुनः ना हो इसके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी से आदेश निर्देशित किए जाएंगे।

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