दरीबा- खीरो-बनईमऊ नहर पटरी मार्ग पर एक वर्ष से पड़ा बोल्डर, नागरिकों का चलना मुश्किल

सड़क पर पड़े बोल्डर से आये दिन राहगीर होते है ,चोटिल 

दरीबा- खीरो-बनईमऊ नहर पटरी मार्ग पर एक वर्ष से पड़ा बोल्डर, नागरिकों का चलना मुश्किल

इस सड़कमे उखड़े हुए बोल्डर पर आदमी ही नहीं जानवरो तक का चलना मुश्किल है। उक्त  मार्ग क्षेत्र के दर्जनो गांवो सहित तहसील मुख्यालय को व्यापारिक मंडी लालगंज को जोड़ता है।

खीरों(रायबरेली)।


 दरीबा- खीरो-बनईमऊ नहर पटरी मार्ग पर विगत एक वर्ष से बोल्डर बिखरा पड़ा है। जिससे आने जाने वाले नागरिकों की गाड़िया आए दिन पंचर होती रहती है। और राहगीर चोटिल  भी हो रहे है ।सरकार एक ओर जहां सड़कों के निर्माण को समय से पूरा कराने व गुणवत्ता को लेकर सख्त है। 

वही लोगो का कहना है कि विगत वर्ष मई के महीने से ही कार्य शुरू हुआ था जोकि एक वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो सका। जबकि ही इसे 15मई 2023 को जनता को समर्पित करना था।उल्लेखनीय  है कि दरीबा-खीरो बनईमउ सडक बांदा-बहराइच हाईवे को जोडता है। इस सडक की कार्यदाई संस्था ग्राम बिकास अभिकरण रायबरेली है। और निर्माण त्रिमूर्ति कांंसंंट्न्सन कंपनी ओनई कोठी रायबरेली है।इस सडक से सैकडो वाहन रोज गुजरते और राहगीर  भी आये गिर कर घायल  हो रहे ।

इस सड़कमे उखड़े हुए बोल्डर पर आदमी ही नहीं जानवरो तक का चलना मुश्किल है। उक्त  मार्ग क्षेत्र के दर्जनो गांवो सहित तहसील मुख्यालय को व्यापारिक मंडी लालगंज को जोड़ता है। भीतरगाँव, मेडौली, दुकनहा, जसमऊ, अकोहरिया, अजीतपुर, नुनैरा, सेवनपुर, रायपुर, एकौनी खीरों  सहित अनेक गाँव के नागरिकों का आवागमन उक्त मार्ग से प्रतिदिन रहता है। दुर्दशाग्रस्त मार्ग का डामरीकरण न होने से क्षेत्रीय नागरिकों मे गहरा आक्रोश व्याप्त है।

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