भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता ती  है ,धराचार्य 

भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता ती  है ,धराचार्य 

स्वतंत्र प्रभात
 
प्रयागराज
 
 देवबरा पूरेसतभामा गांव में मुख्य यजमान छोटेलाल पांडेय, शांति देवी एवं फुलगेना देवी के निवास शांति कुंज के प्रांगण में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पांचवें दिन कथा व्यास प्रयाग पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज ने बुधवार को उखल बंधन बाल लीला, माखन चोरी लीला, कालीया मर्दन, गोवर्धन छप्पन भोग प्रसंग पर बिस्तार से प्रकाश डाला। पांचवें दिन महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया।
 
श्री कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख धनूपुर ज्योति यादव एवं परिजनों में सुशील कुमार पांडेय, राकेश कुमार पांडेय, रोहित पांडेय, आनंद कुमार पांडेय, राहुल, अंशु, प्रांशु, शिवम, शिवांग, विनय, विपिन, रामजी, राजमणि, राजपति, सभापति, उमापति, धीरज, नीरज, उमेश, धर्मेंद्र, प्रांजल, प्रणव, आदर्श, हर्ष, ऋषि, आकाश सहित तमाम भक्तगण मौजूद रहे।

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