मक्का मुआजमा बैतुल्लाह शरीफ की जियारत के लिए आजमीने हज का पहला जत्था रवाना

मक्का मुआजमा बैतुल्लाह शरीफ की जियारत के लिए आजमीने हज का पहला जत्था रवाना

मसौली बाराबंकी। 


अल्लाह के घर मक्का मुआजमा बैतुल्लाह शरीफ की जियारत के लिए आजमीने हज का पहला जत्था शनिवार को लखनऊ हज हाउस के लिए रवाना हुआ। पवित्र यात्रा पर जाने वाले हाजियो को नाते रिस्तेदारो एव दोस्तों ने दुआओँ के साथ रुखसत किया। हाजियो की दो उड़ाने रविवार को मक्का मुआजमा के लिए जाएंगी।

           बताते चले वर्ष 2023 मे हज यात्रा पर जनपद बाराबंकी से जाने 299 हाजियो मे से 24 लोगो के कागजात पूर्ण न होने के कारण यात्रा पर नही जा पा रहे है शेष 275 हाजियो की उड़ान रविवार को 12 दिन एव 3 बजकर 5 मिनट पर होगी। शनिवार को करीब 150 हज यात्री हज हाउस लखनऊ के लिए रवाना हो गये है जिन्हे नाते रिस्तेदारो एव दोस्तों ने फूल माला पहनाकर रुखसत किया। 

मिली जानकारी के अनुसार शहर बाराबंकी से करीब 15 , कस्बा जैदपुर से 15, कस्बा सहादतगंज से 10, कस्बा रामपुर कटरा से 10, कस्बा मसौली से 6 , ग्राम नैनामऊ से 5, ग्राम साहबपुर से 5, ग्राम सैदनपुर एव चौखंडी से दो दो हज यात्री बैतुल्लाह शरीफ की जियारत के लिए रवाना हुए। शनिवार को हज यात्रियों को रवाना करने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ पड़ी चारो ओर अल्लाह हुमा लब्बैत की सदाओ से पुरा इलाका अक़ीदत मे डूब गया। करीब 40 दिन के इस मुक्कदस सफर पर जा रहे लोगो को रुखसत करते वक्त उनके परिजनों एव सगे संबंधियों की आँखे नम हो गई । लोगो ने अल्लाह के घर जा रहे मेहमानों से अपने गुनाहो की माफी की फरियाद की तथा मुल्क की सलामती की दुआए मांगी।

मक्का मुआजमा बैतुल्लाह शरीफ की जियारत के लिए आजमीने हज का पहला जत्था

( अमन चैन एव खुशहाली की मांगी दुआए )


ग्राम पंचायत नैनामऊ से हज पर जाने वाले मो0 सईद एव उनकी पत्नी जमीला खातून ने कहा कि यह मेरी खुशनसीबी है कि अल्लाह और रसूल ने मुझे हज के लिए चुना। बस जल्द ही मक्का व मदीना शरीफ़ पहुंचने का तमन्ना है। इबादत कर खूब दुआएं मांगनी है मुल्क, परिवार के लिए। हज के तुफैल मक्का व मदीना शरीफ में मौजूद तमाम पवित्र स्थानों को देखने व जानने का मौका भी मिलेगा।

 शाहबपुर निवासी मो0 समीम, अजरा परवीन, मो0 इसराइल, सुफिया बानो, मो0 आमिर ने कहा कि मक्का और मदीना शरीफ़ की यात्रा नसीब वालों को ही मिलती है। हज करके हिन्दुस्तान की खुशहाली, अमन शांति और भाईचारगी की दुआ मांगनी है। दीन और दुनिया संवर गई तो ज़िंदगी कामयाब हो गई।

ग्राम सैदनपुर निवासी इमाम हाफिज इकरामुल ने कहा कि दिल बहुत खुश है। हर मुसलमान की एक ही तो ख्वाहिश है कि काबा शरीफ और गुंबदे खजरा का दीदार करे। अल्लाह का करम हो गया हम मक्का और मदीने चले। सभी मुसलमानों की बस एक ही धुन है कि मक्का व मदीना शरीफ में इबादत करके मुकद्दर संवारने की दुआ मांगनी है। हज के दौरान खूब इबादत कर अपने मुल्क में अमनो सलामती की दुआ करुंगा।

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