मिडिल स्कूल के शिक्षकों के भरोसे हो रही है छात्र-छात्राओं की पढ़ाई
गोपालगंज
गोपालगंज जिले के पंचदेवरी प्रखंड के भगवानपुर पंचायत के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय पिपरहीं की शैक्षणिक व्यवस्था लचर हो गई है,जहां पिछले दस साल से वर्ग नौ एवं कक्षा दस के शिक्षकों के पदस्थापन के बिना ही पढ़ाई हो जाती है।यह है बिहार की शैक्षणिक व्यवस्था.
पंचदेवरी प्रखंड के भगवानपुर पंचायत में माध्यमिक शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण वर्ष 2013 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरहीं को अपग्रेड कर उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा तो दे दिया गया पर शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गयी
गोपालगंज के शिक्षा विभाग ने तत्काल इस नए शिक्षण संस्थान में नवम एवं दशम वर्ग की पढ़ाई की स्वीकृति प्रदान कर दिया। स्थानीय लोगों के सौजन्य से इस शिक्षण संस्थान के भवन निर्माण के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध करवा दी गई। इस जमीन पर लगभग सवा करोड़ रुपए की लागत से भव्य भवन खड़ा हो गया।
इस शिक्षण संस्थान में उपस्कर की व्यवस्था भी विभाग के द्वारा करवा दी गई। तत्काल रूप से उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरहीं के प्रधानाध्यापक को इस संस्थान का प्रभारी बना दिया गया। उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरहीं से अष्टम वर्ग पास करने वाले छात्र छात्राओं का नामांकन इस शिक्षण संस्थान के नवम वर्ग में किया जाने लगा ।
अगले वर्ष इन्हीं छात्र छात्राओं को नवम वर्ग से उत्तीर्ण करा, दशम वर्ग में नामांकित किया गया।
यह सिलसिला लगातार चल रहा है। परन्तु, बिना शिक्षक एवं बिना पढ़ाई के ही इस स्कूल के बच्चे अगली क्लास में जा रहे हैं। विगत दस वर्षों से इस शिक्षण संस्थान में एक भी शिक्षक का पदस्थापन नहीं किया गया है जिससे अभिभावकों में असंतोष व्याप्त है।
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय पिपरहीं के प्रभारी प्रधानाध्यपक सुरेन्द्र कुमार राम ने बताया कि एक भी शिक्षक नहीं रहने से नवम एवं दशम कक्षा में ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरही के शिक्षक के द्वारा ही नवम एवं दशम वर्ग की कक्षा का संचालन किया जा रहा है। इससे विषयवार पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों के पदस्थापन के लिए उनके स्तर से कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई जा चुकी है परन्तु यह मांग अब तक ठंढे बस्ते में पड़ी है।
पिपरहीं, भगवानपुर, निमुईयां, कुबरहीं आदि गांवों के अभिभावकों ने बताया कि उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पदस्थापन की मांग स्थानीय विधायक अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय उर्फ पप्पू पाण्डेय से भी की गई है। ग्रामीणों ने कहा कि बिहार सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए स्कूलों को अपग्रेड तो कर दिया गया है । लेकिन दस वर्ष बाद भी शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की गई ।
सम्पन्न घराने के बच्चे तो दूसरे राज्य एवं जिलों में जाकर पढ़ाई कर लेते हैं लेकिन गरीब तबके के बच्चों की पढ़ाई आज भी अधूरी है । सरकार की शिक्षा नीति गरीब बच्चों के लिए एक छलावा है ।
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