ग्रामीण इलाकों की खस्ताहाल सड़कें विकास के दावों की खोल रही पोल

विकास के दावों की पोल खोल रही हैं सड़क यह है कि कहीं सड़क पर गड्ढा तो कहीं गड्ढे में सड़क हो गई है

ग्रामीण इलाकों की खस्ताहाल सड़कें विकास के दावों की खोल रही पोल

 
 
स्वतंत्र प्रभात 
 
उमरी बेगमगंज (गोंडा) जिले के ग्रामीण इलाकों की खस्ताहाल सड़कें विकास के दावों की पोल खोल रही हैं आलम यह है कि कहीं सड़क पर गड्ढा तो कहीं गड्ढे में सड़क हो गई है इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर चेत नहीं रहे है। हैरत की बात तो यह है कि जिले में भारतीय जनता पार्टी के सात विधायक, एक एमएलसी, सांसद और प्रदेश सरकार में जिला का प्रतिनिधित्व होने के बावजूद सड़कें बदहाल पड़ी हैं। चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा होता न देख क्षेत्रीय जनता भी अपने को ठगा महसूस कर रही है।
 
मानसून के दस्तक देते ही अधिकांश सड़कों पर पैदल निकलना भी दूभर हो जाएगा।
 
 
विकास खंड क्षेत्र बेलसर में डिकसिर से सूर्यवंश पुरवा के बीच करीब 4 किलोमीटर की सड़क दो दशक पहले बनाई गई थी लेकिन अब यह सड़क चलने लायक नहीं रह गई है। इस रोड से डिकसिर, नौरंग पुरवा, विंध्या तिवारी पुरवा, पंडित पुरवा , राम पाल सिंह चौराहा, मंगल पुरवा, बेगमगंज बाजार, सूर्यवंश पुरवा सहित कई गांव जुड़े हैं।
 
सड़क जर्जर होने से हालत ये हैं कि बाइक सवारों तक को आने जाने में दिक्कत होती है। आए दिन लोग गिरकर चुटहिल हो जाते हैं। गांव के लोगों ने बताया कि विधान सभा चुनाव के समय भाजपा प्रत्याशी ने जीतने पर सड़क बनवाने का आश्वासन दिया था। सरकार ने दोबारा कब्जा जमाया और दूसरी बार विधायक होने के बावजूद  रोड नहीं बन पाई। लोगों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय भाजपा प्रत्याशी ने भी सड़क बनवाने की बात कही थी, लेकिन जीतने के बाद वह भी जनता का दर्द भूल गए ।
 
पंडित पुरवा निवासी राम लगन कनौजिया के अनुसार रोड जर्जर पड़ी हैं। करीब चार किलोमीटर लंबा डिकसिर संपर्क मार्ग 12 साल पहले बनाया गया था। तब से आज तक इस रोड की मरम्मत नहीं हुई है। कस्बे से करीब 6-7 गांवों को जोड़ने वाला ये प्रमुख मार्ग है। सड़क जर्जर होने से करीब 10 हजार आबादी को आने-जाने में खासी दिक्कत हो रही है। स्थानीय लोगों द्वारा बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान सभी दलों के प्रत्याशियों ने सड़क दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया था, चुनाव बाद कोई देखने तक नहीं आया। 
 
करीब 10 हजार की आबादी के लिए कस्बे का आवागमन मुसीबत भरा साबित हो रहा है। बारिश होने पर तो आवागमन बहुत ही मुश्किल हो जाता है। पीड़ित लोगों का कहना है कि चुनाव के समय तो नेता बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन बाद में कोई नहीं आता। सभी दलों के नेताओं ने क्षेत्र को चारागाह समझ रखा है।
 
यहां की सड़कों पर जगह-जगह बड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। लोगों का कहना है कि क्षेत्रीय से बीजेपी विधायक व लोक सभा सदस्य हैं। कई बार उनको समस्या से अवगत कराया गया लेकिन उन्होंने सड़क बनवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
 
 

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