कलमकार के खिलाफ महिला को मोहरा बनाकर दर्ज किया मुकदमा 

कलमकार के खिलाफ महिला को मोहरा बनाकर दर्ज किया मुकदमा 

कलमकार के सच्चाई की लेखनी पुलिस को लग रही नागवार


स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकर नगर। भीटी थाना क्षेत्र के अलग- अलग जगहों से करीब एक दर्जन लड़कियां और लड़के गायब हुए हैं जिन्हें खोज पाने में थाना अध्यक्ष पंडित त्रिपाठी नाकामयाब साबित हो रहे हैं वहीं जहां हत्या हुई है उन आरोपियों को पुलिस बचाती नजर आ रही है। जहां पिस्टल से फायरिंग करने का वीडियो वायरल होता है वहां लाइटर गन दिखाकर पुलिस उसे छोड़ देती है। लेकिन जब एक पत्रकार सच्चाई लिखता है तो उसके खिलाफ महिला को मोहरा बनाकर मुकदमा दर्ज कर कलमकार के कलम को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। हाल भीटी की इतनी भयावह है कि यहां लोगों का जीना हराम हो चुका है लगातार मारपीट हत्या चोरी जैसे जघन्य अपराध होते जा रहे हैं लेकिन थानाध्यक्ष के ऊपर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है। लगातार पुलिस द्वारा पैसा ढूंढा जा रहा है अगर पैसा नहीं मिलता है तो एक पक्ष से रुपया लेकर मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में भीटी में लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं दशकों से कई थानाध्यक्ष आए और चले गए लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई अब तो थानाध्यक्ष पंडित त्रिपाठी के खिलाफ जो भी पत्रकार खबर संकलित करेगा उसको मोहरा बनाकर उसके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करवा रहे हैं।

लेकिन इससे कलम का सिपाही सच्चाई लिखने से नही डरने वाला है। हकीकत को थानाध्यक्ष पंडित त्रिपाठी नहीं रोक पाएंगे। कितनी भी कोशिश क्यों ना कर ले लेकिन कलमकार कभी अपनी कलम नहीं बंद कर सकता। अब आने वाला समय ही बताएगा कि पंडित त्रिपाठी कितने लोगों को डराते हैं और कितने पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हैं। जब वह खुद ही कई मुकदमों में तालीम रखते हैं तो दूसरों के लिए मुकदमा क्यों नहीं लिखेंगे लगातार पुलिस अधीक्षक से इनकी शिकायत होती रही लेकिन फिर भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रहलाद सिंह हत्याकांड को लेकर किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई। वही मदारभारी में एक युवक द्वारा पिस्टल लहराया जाता है उसे भी पुलिस बचाने में सफल रहती है पुलिस द्वारा उसे लाइटर गन दिखाकर मामले को रफा-दफा कर देती है और वह फिर अपराध करने के लिए घूमने लगता है। सया डिग्री कॉलेज मैच देखने गया 14 वर्षीय बालक गायब हो गया करीब 2 माह बीत जाने के बाद भी उस बच्चे का आज तक कहीं कोई पता नहीं चल सका। 14 साल से लेकर 17 वर्ष तक की बच्चियां कहां गायब हो गई पुलिस को ढूंढे नहीं मिली लेकिन एक पत्रकार के सामने इस तरीके से डर गए कि कहीं मैं लाइन हाजिर ना हो जाऊं इसलिए इसके ऊपर एक महिला को मोहरा बनाकर उस पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है जो लगातार समस्याओं को उजागर करता रहा है। आखिर क्या चौथा स्तंभ अब इसी तरह परेशान होता रहेगा और पुलिस की जो मर्जी होगी वही करती रहेगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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