विद्युत कर्मियों की हड़ताल के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल पा रही बिजली उपभोक्ता हो रहे परेशान
स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर अयोध्या। बिजली कर्मियों की हड़ताल से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है ग्रामीण क्षेत्र के लोग बिजली और पानी न मिलने से छटपटा रहे हैं आलम यह है कि मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के एक लाख सात हजार विद्युत उपभोक्ता पिछले 60 घंटों से उपभोक्ताओं के घरों की बिजली गुल है। विद्युत उप केंद्रों पर कोई भी जिम्मेदार अथवा संविदाकर्मी उपस्थित नहीं है। और न ही सुरक्षाकर्मी ही तैनात किए गए हैं ऐसे में सुचारू रूप से चल रहे विद्युत आपूर्ति को हड़ताल कर्मियों ने ट्रांसफार्मर से विद्युत सप्लाई ही बंद कर दिया है।जिससे विद्युत आपूर्ति बहाल कराने में प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं।
15 मार्च से शुरू हुई विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल का असर अब पूरी तरह से दिखने लगा है। विद्युत कटौती के आगे प्रशासनिक व्यवस्था भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। शहर से लेकर गांव तक सभी जगह विद्युत आपूर्ति ठप है। लोग एक-एक बूंद पानी को तरस रहे है।
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में लगभग 1लाख 7000 हजार विद्युत उपभोक्ता है 5 दिनों से विद्युत के लिए परेशान हो रहे हैं कभी विद्युत केंद्र का चक्कर लगाते हैं। कभी तहसील के उच्च अधिकारियों से विद्युत सप्लाई चालू करवाने की मांग करते हैं। लेकिन कोई भी उपभोक्ताओं का सुनने वाला नहीं है जिला प्रशासन ने भले ही राजस्व कर्मियों व जल निगम के कर्मियों को विद्युत उपकेंद्र पर लगा दिया है। लेकिन उनको विद्युत सप्लाई कैसे करना है इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं।उपभोक्ताओं के घरों में लगे इनवर्टर डिस्चार्ज हो गए, मोबाइल भी बंद हो गई है।क्षेत्र के युवाओं ने जब देखा कि विद्युत सप्लाई आने वाली नहीं है और 2 दिनों से मोबाइल भी बंद है तो उन्होंने पहले तो चंदा लगाया और जनरटर चलवा कर अपनी-अपनी मोबाइलों को चार्ज किया। उसके बाद युवाओं ने मोबाइल चार्ज करने वालों की भीड़ बढ़ता देख प्रति मोबाइल चार्ज करने के लिए 10 रूपए घंटे रेट निर्धारित कर दिया। युवाओं का कहना है कि डीजल को तो पेट्रोल टंकी से खरीद कर लाना पड़ेगा। अगर हम फ्री में ही लोगों की मोबाइल को चार्ज करेंगे तो डीजल कहां से जरनेटर में डालेंगे।
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