
बगैर मान्यता के नहीं चलेंगे स्कूल, होगी कार्रवाई
उप्र में अस्तित्व में है निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011
बगैर मान्यता के विद्यालय संचालन पर आर्थिक दंड ही नहीं कानूनी कार्रवाई भी
राघवेंद्र मल्ल
पडरौना, कुशीनगर।उप्र में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली 2011 अस्तित्व में है। इसके तहत बगैर मान्यता प्राप्त किये स्कूल संचालित नहीं किये जायेंगे। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता के विद्यालय संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्ड का भी प्रावधान किया गया है।
यह बातें विशुनुपरा विकास खंड के खंड शिक्षा अधिकारी देवमुनि वर्मा ने शिक्षा निदेशक बेसिक उप्र के निर्देशों का हवाला देते हुए बतायी। निर्देश पत्र में लिखे प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा उप्र में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 अस्तित्व में है। बीइओ ने बताया कि नियमावली लागू किया जा चुका है। जिसमें स्पष्ट है कि प्रदेश में बिना मान्यता प्राप्त किये कोई स्कूल स्थापित व संचालित नहीं किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता प्राप्त किये विद्यालय संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्ड का भी प्रावधान किया गया है। उक्त पत्र के बिन्दु 5 में यह स्पष्ट किया गया है कि कोई व्यक्ति जो मान्यता प्रमाण पत्र अभिप्राप्त किये बिना विद्यालय स्थापित करता है या चलाता है या मान्यता वापस लेने के पश्चात् विद्यालय चलाना जारी रखता है तो ऐसे व्यक्ति से जुर्माने के रूप में प्रतिदिन दस हजार से लेकर एक लाख तक की धनराशि वसूली का प्रावधान है। बीईओ वर्मा ने विकास खण्ड विशुनपुरा के समस्त गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय के प्रबन्धक, प्रधानाचार्यो को निर्देशित किया है कि वह तत्काल प्रभाव से अपने विद्यालय को बन्द कर विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का नामांकन नजदीकी परिषदीय विद्यालय या मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराना सुनिश्चित करें अन्यथा की स्थिति में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।
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