ऐतिहासिक दौरा : अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ट्रेन से चुपके से अचानक पहुंचे यूक्रेन, यूक्रेन दुश्मन देश हैं हैरान
स्वतंत्र प्रभात।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार को अचानक बेहद खुफिया तरीके से यूक्रेन पहुंचे जिससे यूक्रेन के विरोधी देश सकते में हैं। बाइडेन का यह दौरा चौंकाने वाला है। इसकी किसी को कानों-कान खबर नहीं हुई। दरअसल, बाइडेन शनिवार रात पोलैंड गए यहां से वो एक घंटे का सफर करके ट्रेन के जरिए कीव पहुंच गए।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के वाहनों का काफिला रविवार को आधी रात के बाद करीब साढ़े तीन बजे व्हाइट हाउस से चुपके से निकला और यूक्रेन जाने के लिए जो बाइडेन ने ‘एयर फोर्स वन' विमान की जगह एयर फोर्स सी-32 विमान का इस्तेमाल किया ताकि किसी को उनके कीव जाने की भनक न लग सके।
‘एयर फोर्स सी-32' का इस्तेमाल सामान्य तौर पर घरेलू यात्राओं के लिए किया जाता है। व्हाइट हाउस से निकलने के कुछ घंटों बाद बाइडेन यूक्रेन की राजधानी कीव में नजर आए। राष्ट्रपति के रूप में किसी युद्धग्रस्त क्षेत्र में बाइडेन की यह पहली यात्रा है। इससे पहले उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बराक ओबामा और जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने अपने-अपने कार्यकाल में अफगानिस्तान और इराक की औचक यात्राएं की थीं तथा अमेरिकी सैनिकों एवं उन देशों के नेताओं से मुलाकात की थी। बाइडेन की 23 घंटे की यह यात्रा आधुनिक इतिहास की पहली ऐसी घटना है, जब अमेरिका का कोई नेता ऐसे किसी युद्धक्षेत्र में गया हो, जहां अमेरिकी सेना की मौजूदगी नहीं हो।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को बताया कि पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ की निर्धारित यात्रा और ‘प्रेसिडेंट डे' की छुट्टी ने बाइडन को कीव की यात्रा का अवसर दिया। उन्होंने बताया कि व्हाइट हाउस और अमेरिका की विभिन्न राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों का एक छोटा समूह इस यात्रा के लिए महीनों से गोपनीय तरीके से काम कर रहा था और बाइडन ने शुक्रवार को इसके लिए हरी झंडी दे दी। उन्होंने बताया कि बाइडेन ने जिस एयर फोर्स सी-32 विमान से यात्रा की उसे ईंधन भरने के लिए जर्मनी में रोका गया, जहां राष्ट्रपति विमान से नहीं उतरे। इसके बाद वह पोलैंड के ज़ेज़ॉ से ट्रेन में सवार हुए और 10 घंटे की रातभर की यात्रा के बाद कीव पहुंचे।
वह सोमवार को सुबह कीव पहुंचे, जहां अमेरिका के राजदूत ब्रिडगेट ब्रिंक ने उनका स्वागत किया और उनके वाहनों का काफिला यूक्रेनी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास मैरीन्स्की पैलेस के लिए रवाना हो गया। इस बीच, कीव की कई अहम सड़कों की बिना कोई जानकारी दिए घेराबंदी कर दी गई, जिससे इस बात की सुगबुगाहट हुई कि बाइडन कीव पहुंचे हैं। बाइडन के साथ इस यात्रा पर सुलिवन समेत चुनिंदा नेता एवं अधिकारी ही गए और केवल दो पत्रकारों को उनके साथ जाने की अनुमति दी गई, जबकि आमतौर पर 13 पत्रकारों का दल राष्ट्रपति के साथ जाता है।
यूक्रेन में भी चुनिंदा पत्रकारों को सोमवार को एक होटल में बुलाया गया, लेकिन उन्हें बाइडन की यात्रा के बारे में उनके आगमन से कुछ की देर पहले बताया गया। सुलिवन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने रूस को बता दिया था कि राष्ट्रपति बाइडेन कीव जाएंगे।'' उन्होंने बताया कि यह इस तरह की किसी स्थिति से बचने के लिए किया गया जो दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच सीधे संघर्ष की आशंका पैदा करती हो। यूक्रेन पर रूस के हमले के एक साल पूरा होने से कुछ दिन पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात के लिए बाइडेन की इस यात्रा को एकजुटता दिखाने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
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