बेटी को खोजने के लिए साहब पुलिस मांग रही पैसा

बेटी को खोजने के लिए साहब पुलिस मांग रही पैसा

स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकर नगर।स्थानीय थाना क्षेत्र के मदारभारी गांव से खजुरी बाजार जा रही 16 वर्षीय नाबालिक के अपहरण मामले में पुलिस द्वारा दस हजार रुपए की मांग की जा रही है। जिसकी शिकायत पीड़ित पिता रामरथी द्वारा पुलिस अधीक्षक से की गई है। पीड़ित ने तहरीर में बताया है कि बीते 3 फरवरी को समय दोपहर 11:00 बजे बेटी घर से निकली और अभी तक घर वापस नहीं आई पीड़ित अपने नात रिश्तेदार में काफी खोजबीन किया। परंतु कहीं नहीं मिली पीड़ित ने बीते चार फरवरी को पुत्री की भीटी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया। पीड़ित अपनी पुत्री के खोजबीन हेतु थाना गया तो थाने की पुलिस द्वारा खोजबीन के लिए पैसे की मांग करने लगी। पीड़ित अति गरीब होने के कारण पैसा ना देने की बात कह कर पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत हुआ।वही मां का रो रो कर बुरा हाल है लेकिन भीटी पुलिस बिना पैसा लिए हाथ पांव नहीं हीला पा रही है। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि मेरी बेटी की हत्या भी हो सकती है। उक्त व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि जल्द से जल्द हमारी बेटी की तलाश की जाए। वही बीते वर्ष 3 दिसंबर को सिंगारा देवी की सया गांव के पास एक गन्ने के खेत में निर्मम हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद  तत्कालीन थाना अध्यक्ष राजीव यादव को हटाकर पंडित त्रिपाठी को हत्या के खुलासे के लिए  भीटी थाने का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन उनके आने के बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

नवांगत थानाध्यक्ष पंडित त्रिपाठी ना तो एक चोरी की घटना खोल पा रहे हैं और ना ही हत्या का खुलासा कर पा रहे हैं। जिसके लिए उन्हें लाया गया था वह काम तो कर नहीं पा रहे हैं लेकिन रुपए की डिमांड बढ़ती जा रही है।किसी भी गरीब आदमी को भीटी थाने में बख्शा नहीं जा रहा है। ऐसी स्थिति में गरीब जनता किस से न्याय मांगे और कहां जाए यहां तक की लगातार पंडित त्रिपाठी पत्रकारों को खबर ना लिखने की धमकी देते हैं और कहते हैं कि अगर कोई भी पत्रकार हमारे खिलाफ खबर संकलनकर्ता है तो मैं उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दूंगा और धमकी देते हैं कि जो मेरे खिलाफ खबर लिखेगा उसे थाने आने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में पंडित त्रिपाठी को ऐसा  पत्रकार चाहिए जो सुबह से लेकर शाम तक उनके पास बैठकर दलाली करें और पैसा कमवाए वही पत्रकार उनके लायक है अगर हकीकत को लिखा जाए तो उनकी नजर में वह आदमी और पत्रकार गुनाहगार है। अपना कारनामा तो करके दिखा नहीं पा रहे हैं उसका ठीकरा दूसरों पर ठोक रहे हैं ऐसी स्थिति में भीटी थाना कैसे चलेगा यह तो पंडित त्रिपाठी ही बता सकते हैं।

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