दलाई लामा की उत्तराधिकार चयन पर रोड़े अटका रहा चीन
स्वतंत्र प्रभात।
दलाई लामा के उत्तराधिकार प्रक्रिया में चीन लगातार रोड़े अटका रहा है। चीन की इस हरकत से तंग आकर बौद्ध संगठन ने उत्तराधिकार प्रक्रिया में दखल देने पर चीन को जमकर फटकार लगाई है। जैपनीज बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर वर्ल्ड फेडरेशन ने अपने कड़े संदेश में कहा है कि तिब्बती लोगों को तिब्बती संस्कृति और इतिहास के आधार पर 14वें दलाई लामा के उत्तराधिकारी का फैसला करना चाहिए न कि चीन के आधार पर।
संगठन ने दलाई लामा के हवाले से कहा कि जिन्होंने पहले या भविष्य के दलाई लामाओं के अस्तित्व को भी स्वीकार नहीं किया, उनके द्वारा अगले दलाई लामा की अनुमोदन प्रक्रिया में जबरदस्ती हस्तक्षेप अनुचित है। जैपनीज बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर वर्ल्ड फेडरेशन एक मातृ संगठन है जो जापान सहित दुनिया भर में बौद्ध धर्म के कई संप्रदायों की एकजुटता के लिए काम करता है। इसने पत्र में तिब्बत के धार्मिक और आध्यात्मिक मामलों में चीन के निरंतर हस्तक्षेप पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।
फेडरेशन के महासचिव इहिरो मिजुतानी ने कहा कि उत्तराधिकार की प्रक्रिया में चीन की कोई भूमिका नहीं है। आगे कहा, 'गैर-धार्मिक लोगों द्वारा धार्मिक नेता का निर्णय लेना अपने आप में विरोधाभासी है।' बता दें, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर), चीनी सरकार के नेतृत्व में दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन करने वाली नीति पर काम कर रही है। हालांकि, चीन की राष्ट्रीय नीति साम्यवाद पर आधारित है और इसे गैर-धार्मिक माना जाता है।
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