सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, अदालत ने कहा सुनवाई योग्य नहीं है याचिका

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला देते हुए कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। ये पूरा मामला खनन लीज आवंटन से जुड़ा है। CJI की सुप्रीम कोर्ट की बेंच जेएस रवींद्र भट और जे सुधांशु धूलिया ने माना कि उनके खिलाफ ईडी जांच के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पारित करते हुए अपील की अनुमति दी और झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश निरस्त कर दिया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर स्पेशल लीव पिटिशन पर फैसला सुनाते हुए इसे सुनवाई योग्य नहीं बताया है। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर रांची एयरपोर्ट से जमशेदपुर जाते वक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिर्फ इतना कहा कि सत्यमेव जयते। इससे पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ में मामले पर सुनवाई हुई थी।

सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि झारखंड हाईकोर्ट में शिव शंकर शर्मा की तरफ से दो जनहित याचिका दायर की गयी हैं, जो भयादोहन के लिए किया गया है। याचिका संख्या 4290 ऑफ 2021 और 727 ऑफ
2022 मामला भी कुल मिला कर इसी तरह का है। यह पीआइएल एक्सटॉर्शन के लिए हुआ है। शिव शंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस की तरफ से 50 लाख रुपये नगद के साथ गिरफ्तार किये जाने का हवाला कपिल सिब्बल ने दिया था। उन्होंने कई और जानकारियां भी कोर्ट को दी थी। बाद में कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर है।

राज्य सरकार के द्वारा जनहित याचिका से जुड़े तमाम दस्तावेज अदालत में पेश किए गए। पीठ में याचिका दर्ज होने के पूर्व विभाग एवं संबंधित पार्टी को दी जाने वाली
रीप्रेजेंटेशन कॉपी की भी दी गई। इस अवसर पर ईडी एवं भारत सरकार की ओर से सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया मौजूद रहे।

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