विद्यालयी क्रीड़ाओं में विद्यालयों की घटती प्रतिभागिता चिंताजनक-उदयराज मिश्र

 


स्वतंत्र प्रभात 
टांडा अंबेडकर नगर।विद्यार्थियों की आंतरिक शक्तियों के बाह्य प्रस्फुटन और उनके विकास हेतु खेलों के महत्त्व यद्यपि किसी से छिपा नहीं है किन्तु विद्यालयी क्रीड़ाओं में विद्यालयों के प्रतिभाग की दर अत्यंत न्यून होना   बेहद चिंताजनक है।यह उदगार आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अयोध्यामण्डल अध्यक्ष उदयराज मिश्र ने व्यक्त किये।


  ज्ञातव्य है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग ,अम्बेडकर नगर के तत्वावधान में आज स्थानीय गांधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुल्तानपुर में क्षेत्रीय एथलेटिक्स व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।जिसमें विकास खण्ड जहांगीरगंज अंतर्गत संचालित शासकीय,अर्ध शासकीय व वित्तविहीन विद्यालयों की उपस्थिति अत्यंत चिंताजनक रही।गौरतलब है कि आज आयोजित प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग हेतु आयोजक विद्यालय गांधी स्मारक इंटर कॉलेज,राजेसुल्तानपुर के अलावा राष्ट्रीय इंटर कॉलेज,तेंदुआईक्ला व राजकीय बालिका इंटर कॉलेज,तेंदुआईक्ला ही प्रतिभाग किये।

जबकि राज इंटर कॉलेज,मल्लूपुर,श्री लल्लन जी ब्रह्मचारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सिरसिया,लल्लन जी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,कस्तूरीपुर,श्री लल्लन जी बह्मचारी इंटर कॉलेज,भरतपुर,तेज प्रताप इंटर कॉलेज,महारमपुर,पण्डित जवाहर लाल नेहरू इंटर कॉलेज,जवाहर नगर, फतेह मुहम्मद इंटर कॉलेज,जहांगीर गंज,लोकमान्य ग्रामोद्योग इंटर कॉलेज,नरियांव,फैजाने हलीम इंटर कॉलेज,देवरिया,चित बहाल आदर्श बालिका इंटर कॉलेज,पूरन पुर,राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय,राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कम्हरिया, अहिरौली रानीमऊ,चंदनपुर व जहांगीरगंज सहित अनेक अन्य विद्यालयों ने प्रतिभाग ही नहीं किया।जबकि प्रत्येक विद्यालय प्रतिमाह सामान्य व पिछड़े विद्यार्थियों से 5 रुपये प्रति छात्र बतौर क्रीड़ा शुल्क भी लेते हैं।

इतना ही नहीं रेडक्रॉस व अन्य प्रकार की पाठ्येत्तर क्रियाकलापों में भी इन विद्यालयों की प्रतिभागिता शून्य रहती है।जिससे यहां अध्ययनरत विद्यार्थियों की प्रतिभाओं का न तो पूर्ण विकास हो पाता है और न ही विद्यार्थियों की छात्र निधियों का उनपर उपयोग ही किया जाता है।कमोवेश ऐसी ही हालत पूरे जनपद की है।
  उक्त शिक्षक प्रतिनिधि के अनुसार जिले में 60 सहायताप्राप्त,29 राजकीय सहित कुल 273 माध्यमिक विद्यालयों के सापेक्ष केवल 40-50 विद्यालयों का ही प्रतिभाग किया जाना यह प्रदर्शित करता है कि शेष सभी विद्यालयों में खेलों के प्रति कोई जागरूकता नहीं है।

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