बिना प्रेम रीझत नहीं नटवर नंद किशोर - विनोदानन्द सरस्वती

मैंने आपको मां सीता और भैया लक्ष्मण सहित गंगा पार कराई, आप मुझे मेरे परिवार सहित भव-पार करा देना।महाराज श्री आगे कहते हैं कि सिर्फ राम-राम कहने से काम नहीं चलेगा।

 

स्वतंत्र प्रभात 
राहुल जायसवाल की रिपोर्ट
नैनी,प्रयागराज ।

नैनी श्रमिक बस्ती स्थित मानस पार्क में सार्वजनिक श्री रामचरितमानस सम्मेलन समिति के तत्वाधान में आयोजित श्री राम कथा के अंतिम दिन  व्यास दंडी स्वामी  विनोदानन्द जी महाराज ने श्री राम कथा की अमृत वर्षा करते हुए कहा कि राम प्रेम के भूखे हैं| 

राम अपने भक्तों द्वारा प्रेम-पूर्वक अर्पित की गई प्रत्येक वस्तु- पत्र, फूल, फल, जल सब कुछ स्वीकार कर लेते हैं।राम ने भीलनी शबरी के प्रेम से खिलाए गए जूंठे बेर भी बड़े चाव से खाए।प्रेम की महिमा बताते हुए महाराज श्री ने कहा कि केवट कई जन्मों से राम के पांव पखारना चाहता है परंतु ऐसा कर नहीं पाता।उसके अगाध प्रेम को देखकर राम रामावतार में स्वयं उसके घाट पहुँच जाते हैं और उसे उनके पांव पखारने का अवसर प्रदान करते हैं।भक्तों के प्रेम के आगे राम समर्पण कर देते हैं। केवट राम से जो-जो करने को कहता है, राम सब करते है।अंत में उतराई के रूप में वह राम से कहता है कि प्रभु आप भव-सागर के केवट हैं, मैं गंगा-तट का केवट हूँ।

मैंने आपको मां सीता और भैया लक्ष्मण सहित गंगा पार कराई, आप मुझे मेरे परिवार सहित भव-पार करा देना।महाराज श्री आगे कहते हैं कि सिर्फ राम-राम कहने से काम नहीं चलेगा।हमें राम के प्रति अपने अंदर प्रेम एवं समर्पण का भाव भी उत्पन्न करना होगा- " राम राम सब कहत हैं  ठग, ठाकुर और चोर। बिना प्रेम रीझत नहीं नटवर नंद किशोर।श्री राम चरित मानस सम्मेलन में प्रमुख रूप से, शिव शंकर दीक्षित, राजकुमार तिवारी, विजय लक्ष्मी पाण्डेय, अतुल सिंह,आर के शुक्ला, अभिषेक पांडेय, रमेश नेगी, अनिल विश्वकर्मा, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुशील चड्ढा,  रवि मिश्रा, आर के सिंह तोमर,  हरिशंकर मिश्र, महेश मधुकर, प्रमोद दुबे , पुष्पेंद्र सिंह, जे एन यादव, टी एन मिश्रा, प्रमोदानंद मिश्रा, सुनीता चड्ढा, नीलम सिंह, उषा पांडे, रेखा श्रीवास्तव, शालिनी त्रिपाठी, शालू चड्ढा आदि उपस्थित रहे।

 

 

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