अडानी :क्या अर्थव्यवस्था का असल चेहरा है ?

अडानी :क्या अर्थव्यवस्था का असल चेहरा है ?

देश के लिए गर्व की बात भी है और शर्म की भी की एक उद्योगपति कोरोनाकाल में सबसे बड़ा अमीर बनता दिखाई दे रहा है जबकि दूसरी और देश की आम जनता की आर्थिकदशा मिट्टी में मिलती दिखाई दे रही है. मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आज मै खुशियां मनाओं या माथा

देश के लिए गर्व की बात भी है और शर्म की भी की एक उद्योगपति कोरोनाकाल   में सबसे बड़ा अमीर बनता दिखाई दे रहा है जबकि दूसरी और देश की आम जनता की आर्थिकदशा मिट्टी में मिलती दिखाई दे रही है. मेरी समझ में नहीं आ रहा कि आज मै खुशियां मनाओं या माथा पीटूं ?.दरअसल खबर गौतम अडानी की है ,वे आपदा में अवसरों की वज से दुनिया के तो नहीं ,हाँ एशिया के दुसरे अमीर आदमी बन गए हैं .

मैंने कल ही एक शेर कहा था कि-

‘बड़ी मुश्किल से होता है गुजारा आजकल अपना
कमाई की हरिक पाई अडानी छीन लेता है ‘

कल तक मुझे पता नहीं था कि अडानी जी यानि श्री गौतम अडानी जी मेरे जैसे असंख्य भारतीयों की कमाई से एशिया के दूसरे बड़े अमीर बन जायेंगे. अडानी जी ने खून-पसीना एक नहीं किया.कोरोनाकाल में मीलों पैदल नहीं चले,उनकी नौकरी नहीं गयी,वे लाकडाउन के शिकार नहीं बने .उन्हें ऑक्सीजन और रेडमिसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ी ,लेकिन उन्होंने अपने कौशल और सरकार की कृपा से आपदा को अवसर में बदलकर ये मुकाम हासिल कर लिया .

ब्लूमबर्ग बिलिनियर्स इंडेक्स के मुताबिक संपत्ति के मामले में चीन को झोंग शानशान  को पछाड़कर अडाणी ने यह स्थान हासिल किया है। अडाणी समूह के कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ माह में जबरदस्त तेजी की बदौलत वैश्विक धनकुबेरों की लिस्ट में गौतम अडाणी के स्थान में लगातार सुधार हुआ है। वह ब्लूमबर्ग की इस लिस्ट में 14वें स्थान पर पहुंच गए हैं। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी 13वें स्थान पर हैं। इस तरह अडाणी ब्लूमबर्ग लिस्ट में अंबानी से एक कदम पीछे हैं

बीबीआई के मुताबिक अडाणी का कुल नेट वर्थ 66.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। इस साल अडाणी की संपत्ति में 32.7 डॉलर का इजाफा हुआ है।  वहीं, अंबानी की कुल संपत्ति 76.5 बिलियन डॉलर आंकी गई है। वहीं, शानशान के कुल नेट वर्थ का मूल्यांकन 63.6 बिलियन डॉलर किया गया है।  आपकी याददाश्त यदि कॉरोनकाल में कमजोर न हुई हो तो आपको याद होगा कि गत फरवरी  में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी चीन के शानशान को पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे। वर्ष 2021 की शुरुआत में चीन के उद्योगपति शानशान दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में छठे स्थान पर पहुंच गए थे। उनकी दो कंपनियों की लिस्टिंग के बाद शानशान की संपत्ति में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई थी

आप अडानी जी पर गर्व कर सकते हैं क्योंकि वे भारत के सबसे अधिक प्रतिभाशाली मेहनतकश है .वे अडानी ग्रीन,अडानी इंटरप्राइजेज ,अडानी गैस और अडानी ट्रांस्मीशन जैसी विशाल कंपनियों के मालिक हैं .इन सभी कंपनियों के शेयरों में पिछले एक साल में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इससे अडाणी के नेट वर्थ में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल में अडानी टोटल गैस  ने ११५६ फीसदी , अडानी इंटरप्राइजेज  ने 821 फीसद और अडानी ट्रांसमिशन  ने तकरीबन 500 फीसद का रिटर्न दिया है। इसी तरह अडानी ग्रीन इनर्जी  और अडानी पावर के शेयरों में भी काफी उछाल देखने को मिला है।

अमेजन के जेफ बेजोस ब्लूमबर्ग की इस ताजा लिस्ट में पहले स्थान पर बने हुए। हैं। उनकी कुल संपत्ति का मूल्यांकन 188 बिलियन डॉलर आंकी गई है। वहीं, फ्रांस के बर्नार्ड अर्नाल्ट 159 बिलियन डॉलर की कुल अनुमानित संपत्ति के साथ सूची में दूसरे स्थान पर हैं। अमेरिका के ही एलन मस्क की इस सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 157 बिलियन डॉलर पर आंकी गई है।  वहीं, माइक्रोसॉफ्ट  के बिल गेट्स  की कुल संपत्ति 141 बिलियन डॉलर आंकी गई है। वह इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर हैं।

आपको पता ही होगा कि अडानी जी  का कारोबार कई सेक्टर्स में फैला हुआ  हैं, जिनमें फूड प्रोडक्ट्स, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, कन्जयूमर ड्युरेबल्स, कम्युनिकेशन, पेट्रोल, बिजली आदि शामिल हैं। किसानों के लिए बीते साल बनाये गए तीन विवादास्पद कानूनों से  अडानी जैसे उद्योगपतियों को फायदा हुआ है. पहले ये किसानों का आरोप था लेकिन अब एक हकीकत है .देशभक्ति और सेवा के संकल्प के साथ कारोबार करने वाले गौतम अडानी जी की कंपनियां फॉर्च्यून वनस्पति तेल .फॉर्च्यून सोया तेल .फॉर्च्यून एडिबल राइस तेल .विवो खाद्य तेल 5फॉर्च्यून बासमती चावल .फॉर्च्यून दाल .फॉर्च्यून सोया चंक .सेव .पेट्रोल पंप .सोलर प्लेट्स .गैस और .बिजली के क्षेत्र में काम करती हैं. बीते एक वर्ष में अडानी जी कि सभी सेवाओं के दाम 70  फीसदी तक बढे हैं .यानि आपदा में फंसा आम आदमी लगातार लूट रहा है और अडानी जी और उन जैसे दूसरे लोग लगातार अमीर हो रहे हैं .

हमारे स्वर्गीय साथ प्रदीप चौबे ने वर्षों पहले लिखा था कि –

‘ जिसपे देवी का हस्त है प्यारे
उसका पिल्ला भी मस्त है प्यारे ‘

प्रदीप जी ने दशकों पहले ये बात कही थी.तब अडानी जी परिदृश्य में नहीं थे ,प्रधानमंत्री मोदी जी भी नहीं थे.केंद्र में भाजपा नेतृव के गठबंधन की सरकार भी नहीं थी ,लेकिन सत्ता और उद्योग पतियों के रिश्ते जैसे कल थे वैसे आज भी हैं,बल्कि आज कुछ ज्यादा प्रगाढ़ हो गए हैं. खुद सरकार ने अपने मित्रों को आपदा को अवसरों में बदलने का सूत्र दिया है .
अडानी जी के उत्पादों के बहिष्कार का नारा किसान आंदोलन के समय ही आ गया था ,लेकिन देश की जनता तब समझ नहीं पायी,लेकिन अडानी जी समझ गए और उन्होंने  कहा था  कि दुष्प्रचार और दुर्भावना से प्रेरित झूठे ऑनलाइन अभियान के जरिये उसे निशाना बनाया जा रहा है. समूह ने कहा कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए कार्रवाई करेगा और अदालत में मामला दायर करेगा.लेकिन अडानी साहब अदालत गए या नहीं मै नहीं जानता .मुझे तो सिर्फ इतना पता है कि मेरे और मेरे जैसे असंख्य भारतीयों की रसोई का बजट अडानी समूह के उत्पादों की बढ़ती की मतों ने बिगाड़ कर रख दिया है .

दरअसल अडानी जी गुजरात के हैं ,इसीलिए अडाणी पर आरोप लगता रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में उन्हें अनुचित फायदा पहुंचाया जा रहा है. ये आरोप हम जैसे नकारात्मक सोच के पत्रकारों ने नहीं बल्कि सत्तारूढ़  भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने लगाए थे,स्वामी ने कहा था  कि अडाणी समूह पर बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का 4.5 लाख करोड़ रुपये का बकाया है. हालांकि, समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उसने कभी बैंक कर्ज चुकाने में चूक नहीं की है.

गनीमत ये है कि अभी तक अडानी जी देश छोड़कर भागे नहीं हैं.वे भागेंगे भी नहीं ,क्योंकि सरकार उनके साथ है और जनता यानि उपभोक्ता उनके चंगुल में .अब जहां मांस होगा वहां चील के घोंसले भी होंगे ही ,उन्हें कोई उजाड़ नहीं सकता.जागना तो आपको है .आप जागें तो ही इन महान लोगों की तेजी से बढ़ती आमदनी पर ब्रेक लग सकता है,जनता की लूट रुक सकती है.सरकार तो कुछ भी करने से रही .वैसे शिष्टाचार के चलते मै इस महान उपलब्धि के लिए गौतम अडानी जी को बधाइयां देता हूँ .कामना करता हूँ कि वे नंबर एक पर आएं लेकिन भारत की जनता को लूट कर नहीं .हाँ ये तय भी आपको करना है कि अडानी जी भारतीय अर्थव्यवस्था का असली चेहरा हैं या नहीं ?

@ राकेश अचल

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