
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर मे कमी अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी
गवर्नर का निर्णय सराहनीय रेपो दरों परिवर्तन अर्थव्यवस्था के लिए हितकारी अमेठी। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कि अध्यक्षता वाली एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति ने 22 मई को एक बड़ा निर्णय लिया। जिसमे रेपो दर को 40 बेसिस पॉइंट कम करके 4 प्रातिशत कर
गवर्नर का निर्णय सराहनीय
रेपो दरों परिवर्तन अर्थव्यवस्था के लिए हितकारी
अमेठी। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कि अध्यक्षता वाली एमपीसी यानी मौद्रिक नीति समिति ने 22 मई को एक बड़ा निर्णय लिया। जिसमे रेपो दर को 40 बेसिस पॉइंट कम करके 4 प्रातिशत कर दिया गया तथा साथ ही रिवर्स रेपो मे भी 40 बेसिस पॉइंट कि कमी करते हुए इसे 3.35 प्रतिशत कर दिया गया। गौरतलब यह है कि हाल ही मे विगत 27 मार्च को रेपो दर मे 0.75 प्रतिशत कि कमी की गई थी। यह सभी आकस्मिक परिवर्तन देश का केंद्रीय बैंक देश कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कर रहा है। वर्तमान समय मे देश कोरोना महामारी के संक्रमण काल से गुजर रहा है। मजदूरों के बड़े शहरों से पलायन करने के कारण कारखानों का उत्पादन नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है। वहीं दूसरी ओर श्रमिकों और निजी क्षेत्रों मे नियोजित लोगों कि आय या तो बंद हो गई है या कम हो गई है। नागरिकों कि उपभोग योग्य आय मे ख़ासी गिरावट देखी जा सकती है। आय और मांग का सीधा संबंध है। यदि आय कम होगी तो लोग खरीदारी कम करेंगे यानि वस्तुओं और सेवाओं कि मांग मे कमी होगी। मांग कम होगा तो उत्पादन कम होगा और उसी प्रकार से उद्योग धंधों के संचालन व लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जिससे नौकरियों मे कटौती भी हो सकती है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के संकट काल का सरकार के राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और उसमे कमी आई है। ऐसे मे रिजर्व बैंक द्वारा रेपों और रिवर्स रेपों दरों मे 40 बेसिस पॉइंट यानी 0.40 प्रतिशत कि कमी अर्थव्यस्व्था के लिए संजीवनी साबित होगी। इससे बैंको को तरलता बढ़ाने मे मदद मिलेगी। ऋण सस्ते होंगे। कंपनियों को भी अधिक मात्रा मे ऋण मिल सकेगा जिससे वो अपनी बढ़ी मांग को संतुलित कर सकेंगे। व्यक्तिगत ऋण लेने वालों को ईएमआई जमा करने कि मोहलत अगस्त तक बढ़ाने से उनकी उपभोग योग्य आय मे बढ़ोत्तरी होगी तथा बाजार मांग भी बढ़ेगा। यह बढी मांग अर्थव्यवस्था मे त्वरण का कार्य करेगी तथा आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करेगी। वास्तव मे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास द्वारा लिया गया निर्णय सुधारात्मक एवं स्वागत योग्य है। इसके परिणाम निश्चित ही सकरात्मक होंगे।
(लेखक-आशीष त्रिपाठी, अर्थशास्त्र, वित्त एवं कानून के जानकार)
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel
खबरें
शिक्षा

Comment List