चिराग तले अंधेरा

चिराग तले अंधेरा

वर्तमान संकट के समय में शासन और सभी प्रशासनिक मशीनरीयां कोरोना की कमर तोड़ने के लिए इसी प्रयास में है कि किसी भी तरह आम जनता सोशल डिस्टेंस मेंटेन करें और एहतियात बरतें । इस कोशिश में आम जन और प्रशासन का सहयोग रंग भी ला रहा है । लेकिन कहीं-कहीं ऐसे नजारे देखने को

चिराग तले अंधेरा

वर्तमान संकट के समय में शासन और सभी प्रशासनिक मशीनरीयां कोरोना की कमर तोड़ने के लिए इसी प्रयास में है कि किसी भी तरह आम जनता सोशल डिस्टेंस मेंटेन करें और एहतियात बरतें  । इस कोशिश में आम जन और प्रशासन का सहयोग रंग भी ला रहा है  । लेकिन कहीं-कहीं ऐसे नजारे देखने को आज भी मिल रहे हैं जिसे देखकर भविष्य में आने वाली तस्वीर की भयावहता का अंदाजा सहज ही हो जाता है । पूरे जनपद में सोशल डिस्टेंस मेंटेन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन गली गली घूम रहा है और जी तोड़ कोशिश कर रहा है  । वहीं दूसरी तरफ बृहस्पतिवार को कलेक्टर परिसर का नजारा बिल्कुल ही अलग था । 

यहां पास बनवाने के लिए भीड़ में मेला और रेला दोनों देखने को मिला । सोशल डिस्टेंस नाम की कोई चीज नजर नहीं आई । लोग इकट्ठा होकर आपस में बात करते और पास के लिए एक दूसरे पर चढ़ते हुए दिखाई दिए  । और यह उस प्रांगण में हो रहा था जिस प्रांगण में जिले के डीएम और कप्तान तथा तमाम अधिकारीगण बैठते हैं  । किराना दुकान और मेडिकल स्टोर पर चूने के गोले में लोगों को खड़ा कर सोशल डिस्टेंस मेंटेन कराने की प्रशासनिक कवायद और उसकी तस्वीरें तो खूब वायरल हुई और अपने देखी भी ।लेकिन इस तस्वीर और स्थिति के बारे में जिम्मेदार क्या कहेंगे जो उनके कार्यालय पर ही देखने को मिल रहा है । दूसरी तरफ जनपद का स्वास्थ्य महकमा है जिसके बोल और सुर दोनो निराले हैं  ।जहां एक और प्रशासन लोगों को जागरूक कर रहा है कि आपके क्षेत्र में बाहर से आए ऐसे किसी भी व्यक्ति की सूचना तुरंत दें जिससे सर्दी जुकाम या बुखार है । 

चिराग तले अंधेरा

वही  दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को जब ऐसे लोगों के विषय में सूचित किया जा रहा है तो कुछ करने की बजाय ये जिम्मेदार उल्टा सूचना देने वाले को ही चुप रहने की नसीहत दे रहे हैं । जनपद में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया । पादरी बाज़ार के ग्राम तिनकोनिया नंबर 1  के प्रधान प्रति द्वारा भटौलिया में बाहर से आए खांसी से पीड़ित व्यक्ति के बारे में सूचना देने के लिए डिप्टी सी एम ओ आई वी विश्वकर्मा को फोन किया गया । जिस पर स्वास्थ्य महकमे के डिप्टी सी एम ओ ने यह कहकर फ़ोन रख दिया कि आप से क्या मतलब है आप चुपचाप अपना काम करिए । यह हाल गोरखपुर जनपद का है । ऊपर दिए गए दोनों उदाहरण तो मात्र एक बानगी भर है जो यहां के कुछ जिम्मेदारों की कथनी और करनी में फर्क को दर्शाता है

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