असत्य पर सत्य की विजय, धू-धूकर जला रावण का पुतला ​​​​​​​

रावण का पुतला जलते ही जय श्रीराम के गगन भेदी नारों से रामलीला मैदान गुंजायमान हो उठे। 



स्वतंत्र प्रभात 


उन्नाव। परंपरागत रूप से दशहरा के पांचवें दिन बुधवार शरद पूर्णिमा को साकेत धाम और श्रीराम लीला वकील संघ के मैदान पर श्रीराम-रावण युद्ध का मंचीय अभिनय करने के बाद रावण का पुतला दहन हुआ। रावण का पुतला जलते ही जय श्रीराम के गगन भेदी नारों से रामलीला मैदान गुंजायमान हो उठे। 

शहर की सबसे पुरानी श्रीरामलीला कमेटी के तत्वाधान में साकेत धाम में चल रहे 149 वें श्रीरामलीला महोत्सव में बुधवार रात वृंदावन धाम के स्वामी नंद किशोर शास्त्री के निर्देशन और व्यास स्वामी विपिन भरद्वाज के सरस संचालन में लंका दहन, रामसेतु निर्माण, अंगद संवाद, मेघनाद और कुम्भकरण वध की लीलाओं का मंचन हुआ। उसके बाद मैदान में उतर कर श्रीराम-रावण युद्ध का मंचन हुआ। 

रावण के धराशायी होते ही मैदान में बने 65 फिट ऊंचे रावण के पुतले में तीर से आग लगाई गई। गोला पटाखा के साथ ही रावण का अहंकार पुतला के रूप में जलने लगा। आतिशबाजी के बीच भारी संख्या में मौजूद दर्शकों के जय श्री राम के गगनभेदी नारों से मैदान घंटों गूंजता रहा। एडीएम राकेश कुमार सिंह, एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह, कमेटी अध्यक्ष संजय राठी, अशोक रस्तोगी, 


महामंत्री अरविद कुमार श्रीवास्तव कमल, चंद्र प्रकाश अवस्थी, मनीष गुप्ता एडवोकेट, जगदीश महेश्वरी, महिला मंडल अध्यक्षा आरती यादव, संजीव गुप्ता राजा, मनीष पांडेय, मीडिया प्रमुख मनीष सिंह सेंगर आदि ने मेला की व्यवस्था संभाली। 

वहीं दूसरी तरफ श्रीराम लीला वकील संघ के मैदान पर भी राम रावण युद्ध लीला का सजीव मंचन किया। बार एसोसिएशन महामंत्री जीतू ने बताया कि मुख्यन्यायिक दंडाधिकारी विराट ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी। मंचीय अभिनय के बाद 45 फीट ऊंचे रावण के पुतला का दहन किया गया।

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