कवियों की कविताओं पर झूमते रहे श्रोता, बजती रही तालियां

कवियों की कविताओं पर झूमते रहे श्रोता, बजती रही तालियां

विमर्श की 29 वीं मासिक कवि गोष्ठी संपन्न


स्वतंत्र प्रभात

पडरौना कुशीनगर-

हर माह के प्रथम रविवार को आयोजित होने वाली विमर्श साहित्यिक संस्था की 29 वीं कवि गोष्ठी संपन्न हुई | नगर के बेलवा चुंगी स्थित तपेश्वरी विद्यालय में दिन में 12:00 बजे से कवि गोष्ठी प्रारंभ हुई | मंचासीन अतिथियों ने मां सरस्वती को पुष्प अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलित किया |


सर्वप्रथम मां सरस्वती की वंदना पूजा लकी पांडे ने प्रस्तुत किया | तत्पश्चात कवि बलराम राय, आकाश महेशपुरी, सुजीत पांडे ,शंभू कुशवाहा "सजल" अशोक शर्मा, जगदीश खेतान, मधुसूदन पांडे ,मुजीब सिद्दकी "मौज" आरके भट्ट बावरा, ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की ,जिस पर मंत्रमुग्ध श्रोताओं की तालियां लगातार बजती रही | गोष्टी में कवि डॉक्टर संजय मिश्रा ने अपनी कहानी  "धुनी" पढ़ी | 


समीक्षा के दौरान यह बात भी आई की गोष्ठी में कविताओं के अतिरिक्त लघु कथाएं तथा गद्य की अन्य विधाओं का भी प्रस्तुतीकरण हो जिससे उसे बढ़ावा दिया जा सके | गोष्ठी की अध्यक्षता नेहरू इंटरमीडिएट कॉलेज मनसा छापर के पूर्व प्रधानाचार्य मदन मोहन पांडे ने किया | 


 इस अवसर पर समाजसेवी ज्ञानवर्धक गोविंद राव, पत्रकार डीके पांडे ,रेडियो प्रज्ञा के प्रबंध निदेशक परशुराम श्रीवास्तव बतौर विशिष्ट अतिथि के  उपस्थित रहे |गोष्ठी का संचालन फिरोज अश्क "लक्ष्मीगंजवी" ने किया | गोष्ठी के अंत में विमर्श साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष आर के भट्ट "बावरा" एवं विद्यालय के प्रबंधक शैलेंद्र दत्त शुक्ल के द्वारा सभी आगंतुक कवियों तथा श्रोताओं का आभार व्यक्त किया गया।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel