अध्यापकों की लापरवाह कार्यशैली में बदलाव ना होने की वजह से शिक्षा व्यवस्था हुई बेपटरी

अध्यापकों की लापरवाह कार्यशैली में बदलाव ना होने की वजह से शिक्षा व्यवस्था हुई बेपटरी

जहां एक ओर सरकारे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वही अध्यापकों की लापरवाह कार्यशैली में बदलाव ना होने की वजह से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी होती नजर आ रही हैं ।


हैदर गढ़ बाराबंकी। जहां एक ओर सरकारे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वही अध्यापकों की लापरवाह कार्यशैली में बदलाव ना होने की वजह से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी होती नजर आ रही हैं ।अभिभावकों का आरोप है की इंचार्ज प्रधानाध्यापक महीने में कहीं एक दो बार आती है और खंड शिक्षा अधिकारी की मिलीभगत के चलते पूरे महीने के हस्ताक्षर बनाकर सरकारी धन हड़पने का काम कर रही हैं। यही नहीं निरीक्षण के दौरान छात्र उपस्थिति पंजिका भी नहीं मिल सकी। पता चला कि इंचार्ज प्रधान अध्यापिका द्वारा रजिस्टर ताले में बंद करके रखा गया है।

 स्थानीय शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत चौबीसी गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में लगभग ढाई सैकड़ा छात्र-छात्राएं शिक्षारत हैं जिन को पढ़ाने के लिए विद्यालय में इंचार्ज प्रधान अध्यापिका प्रतीक्षा गुप्ता एवं सहायक अध्यापिका प्रतिभा सिंह तैनात हैं। अभिभावकों एवं प्रधान प्रतिनिधि का आरोप है कि इंचार्ज प्रधानाध्यापिका महीने में केवल एक दो बार ही विद्यालय में दर्शन देती हैं और थोक के भाव हस्ताक्षर बनाकर पूरे महीने का वेतन उठाती है जिसकी वजह से छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा है। आज निरीक्षण के दौरान भी विद्यालय में दोनों सहायक अध्यापिकाए मौजूद नहीं मिली ।

प्राथमिक विद्यालय अलीपुर से आए शिक्षक सुधीर कुमार प्रधानाध्यापक कक्ष में मौजूद मिले जबकि क्लास में छात्र ही अन्य छात्र छात्राओं को पढ़ाते हुए नजर आए। विद्यालय में तैनात अनुचर हरदयाल विश्वकर्मा एवं संचालन कर रहे सुधीर कुमार ने बताया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापिका जहां मेडिकल लीव पर चल रही है वहीं सहायक अध्यापिका प्रतिभा सिंह चुनाव की ट्रेनिंग में गई हुई हैं। जब संचालन कर रहे शिक्षक से छात्र उपस्थित पंजिका मांगी गई तो बताया गया कि उपस्थित पंजिका इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा अपने कब्जे में रखी गई है जिसकी वजह से अन्य अध्यापकों द्वारा अलग से छात्र उपस्थिति दर्ज करी जाती है। जब इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी नवाब वर्मा से बात करने के लिए फोन किया गया तो कॉल रिसीव ही नहीं की गई।

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