खाकी वर्दी वाले लुटेरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, स्वर्णकारों को बनाते थे अपना निशाना

खाकी वर्दी वाले लुटेरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, स्वर्णकारों को बनाते थे अपना निशाना

महराजगंज। जनपद के निचलौल निवासी दीपक और रामू वर्मा दो दिन पहले 30 लाख रुपये के जेवर और कैश लेकर गोरखपुर खरीददारी करने जा रहे थे। सर्राफा कारोबारी रामू वर्मा के मुताबिक निचलौल कस्बे के व्यापारी सोने के जेवरात की खरीदारी लखनऊ से करते हैं। 10 से 12 कारोबारियों की रकम इकट्ठा होने के बाद

महराजगंज। जनपद के निचलौल निवासी दीपक और रामू वर्मा दो दिन पहले 30 लाख रुपये के जेवर और कैश लेकर गोरखपुर खरीददारी करने जा रहे थे। सर्राफा कारोबारी रामू वर्मा के मुताबिक निचलौल कस्बे के व्यापारी सोने के जेवरात की खरीदारी लखनऊ से करते हैं। 10 से 12 कारोबारियों की रकम इकट्ठा होने के बाद कारोबारी अपने कर्मचारियों को लखनऊ भेजते हैं।

बुधवार की सुबह जब रामू अपने साथी दीपक के साथ गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा तो वहां पर इन दोनों को तीन वर्दीधारी मिले। इन तीनों ने इन स्वर्ण व्यसाइयों पर गलत ढंग से रुपए ले जाने का आरोप लगाते हुए इन्हें थाने चलने को कहा। तीनों पुलिस वाले इन दोनों को ऑटो में बैठाकर नौसढ़ इलाके में ले गए और वहां इनके पास रखे रुपये और जेवर छीनकर फरार हो गए।

इस मामले की शिकायत जब गोरखपुर कैंट थाने में की गई तो पुलिस भी सकते में आ गयी। सर्राफा कारोबारी के साथ हुई लूट के मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने बुधवार रात कैंट थाने के रेलवे चौकी प्रभारी अक्षय कुमार मिश्रा व गीडा थाने के नौसढ़ चौकी प्रभारी दीपक सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। अधिकारियों ने जांच में पाया कि कैंट थाने के रेलवे चौकी क्षेत्र से घटना शुरू हुई और नौसढ़ चौकी क्षेत्र में घटना समाप्त हुई है। दोनों चौकी प्रभारियों द्वारा इस मामले में लापरवाही बरतने को लेकर एसएसपी ने दोनों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ ही जहां घटना हुई वहां सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने चेक किया तो सारे अनसुलझे सवाल सुलझने लगे और 24 घंटे के अंदर ही इस मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया।
गोरखपुर पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को लूट की घटना को अंजाम देने में अभियुक्त बनाया है, उसमें से तीन वास्तविक पुलिस वाले हैं, जिसमें से एक दरोगा और दो आरक्षी हैं।

दरोगा धर्मेंद्र यादव और आरक्षी महेंद्र यादव और संतोष यादव बस्ती जिले के पुरानी बस्ती थाने पर तैनात है और गोरखपुर सिर्फ लूट की वारदातों को अंजाम देने के लिए आया था। इनसे पूछताछ में पता चला कि शाहपुर इलाके में भी इन्होंने महाराजगंज के एक और स्वर्णकार को इसी तरह से लूटा था।
लूटी हुई रकम को यह तीनों आपस में बांट लिया करते थे और इस रकम से अपने महंगे शौक पूरे किया करते थे। स्वर्ण व्यवसायियों को निशाना बनाने के पीछे इनकी मंशा सिर्फ यह होती थी अधिकतम स्वर्ण व्यवसाय करने वाले कैश रकम लेकर सोने और चांदी की खरीदारी करने के लिए निकलते हैं और उनकी खरीदारी पूरी तरह से लीगल नहीं होती है ऐसे में वह पुलिस के पास जाने में भी डरते हैं इसका फायदा उठाते हुए लूट की वारदात को अंजाम दिया गया है। ताबड़तोड़ कई घटनाओं के होने की वजह से गोरखपुर के स्वर्ण व्यवसाई आज भी दहशत में है और पिछले 20 दिनों से खरीदारी करने के लिए यह बाहर नहीं जा रहे हैं।
वहीं मामले में गोरखपुर पुलिस ने तीन वर्दीधारी पुलिस कर्मी समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिसिया पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि चोरी की घटना में एक दरोगा समेत दो आरक्षी जिसमें धर्मेन्द्र यादव उपनिरीक्षक थाना पुरानी बस्ती जनपद बस्ती, मूल निवासी ग्राम जगरनाथपुर थाना सिकरीगंज जनपद गोरखपुर जो गैंग का सरगना था तो दूसरा महेन्द्र यादव पुलिस कांस्टेबल थाना पुरानी बस्ती जनपद बस्ती, मूल निवासी ग्राम रैकवार डीह थाना सराय लखनसी जनपद मऊ का निवासी था तो वहीं तीसरा संतोष यादव पुलिस कांस्टेबल थाना पुरानी बस्ती जनपद बस्ती, मूल निवासी अलवरपुर थाना जंगीपुर जनपद गाजीपुर बताया।
चौथा अभियुक्त वाहन चालक देवेन्द्र यादव पुत्र राम प्रताप यादव निवासी करही थाना पुरानी बस्ती जनपद बस्ती तो पांचवां सूचनाकर्ता पार्टनर शैलेश यादव पुत्र स्वर्गीय राम अवध यादव निवासी इटहिया थाना ठुठुवारी जनपद महराजगंज बताया व छठवां सूचनाकर्ता पार्टनर दुर्गेश अग्रहरी पुत्र गणेश अग्रहरी निवासी मारवाड़ी टोला निचलौल थाना निचलौल जनपद महाराजगंज का मूल निवासी बताया। मामले में गोरखपुर पुलिस ने एक दरोगा समेत तो पुलिस कांस्टेबल व एक वाहन चालक समेत महाराजगंज जिले के दो सूचनाकर्ता जो मामले में पार्टनर थे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वहीं मौके पर गोरखपुर पुलिस ने 19 लाख रूपये नगद, 345.5 ग्राम सोना जेवरात, 4. 77 किलोग्राम चांदी तथा घटना में प्रयुक्त वाहन बोलेरो जिसका नम्बर यूपी 51 डब्लू 1873 बरामद किया है। मामले में पुलिस उप महानिरीक्षक गोरखपुर द्वारा गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रूपये का पुरस्कार भी दिया गया है।

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