
सुग्रीव मैत्री से लक्ष्मण शक्ति तक लीलाओं का हुआ मंचन,देखा लखन का हाल तो श्रीराम रो पड़े
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। साकेत धाम में वृंदावन धाम के सुविख्यात मंडल अध्यक्ष करण स्वामी के कुशल निर्देशन और व्यास नंदकिशोर पाराशर के सुमधुर रामचरित मानस पाठ और भजनों के बीच वीर हनुमान के सहयोग से राम सुग्रीव मैत्री, बालि वध से लक्ष्मण शक्ति तक की लीलाओं का सजीव मंचन हुआ। राम लक्ष्मण, सुग्रीव की
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव। साकेत धाम में वृंदावन धाम के सुविख्यात मंडल अध्यक्ष करण स्वामी के कुशल निर्देशन और व्यास नंदकिशोर पाराशर के सुमधुर रामचरित मानस पाठ और भजनों के बीच वीर हनुमान के सहयोग से राम सुग्रीव मैत्री, बालि वध से लक्ष्मण शक्ति तक की लीलाओं का सजीव मंचन हुआ। राम लक्ष्मण, सुग्रीव की विशाल सेना के साथ सभा करके समुद्र पर सेतु निर्माण कराते हैं। इसके पहले हनुमान जी को उनका बल याद दिलाया जाता है तो वो वायु के वेग से तमाम बाधाएं निपटाते हुए लंका पहुंच सीता माँ से मिलकर अक्षय सहित रावण की सेना के सैकड़ों सिपाही मार गिराते हैं।
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सुग्रीव मैत्री से लक्ष्मण शक्ति तक लीलाओं का हुआ मंचन,देखा लखन का हाल तो श्रीराम रो पड़े
लंकादहन कर सीता जी से चिन्हारी लेकर समुद्र पार आते हैं। राम जी अपनी सेना के साथ रावण को युद्ध के लिए ललकारते हैं, रामादल लगातार रावण के सैनिकों को मारते जाते हैं और मेघनाद से युद्ध के दौरान लक्ष्मण को शक्ति बाण मार कर मेघनाद उन्हें मरणासन्न कर देता है, छोटे भाई को मूर्कि्षत देख राम रो पड़ते हैं लेकिन सुखेन वैध की परामर्श पर वीर हनुमान संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को पुनर्जीवित कराते हैं। अध्यक्ष संजय राठी, मार्गदर्शक चंद्रप्रकाश अवस्थी, अशोक रस्तोगी, जगदीश माहेश्वरी, मुख्य सेवायत कृष्णप्रिय मोती श्याम, प्रबंधक मनीष गुप्ता, प्रेम मिश्रा,
संजीव गुप्ता, इंदुप्रकाश अवस्थी, मीडिया प्रमुख मनीष सिंह सेंगर, विघ्नेश पांडेय, राजन मिश्रा, आरती यादव, रजनी रस्तोगी व महिला मंडल, शिवम तिवारी, मनीष तन्नू, लक्ष्मीकांत आदि लोग उपस्थित रहे।
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