
बीस बीघा तालाब पर दबंगों का कब्जा।तालाब पर लहलहा रही है धान की फसल
बीस बीघा तालाब पर दबंगों का कब्जा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हो रहा है कब्जा मुक्त । तालाब पर लहलहा रही है धान की फसल। स्वतंत्र प्रभात ।प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार के लाख प्रयास करने के बावजूद ना तो भू माफियाओं पर नकेल कसी जा रही है नहीं दबंगों द्वारा सरकारी और
बीस बीघा तालाब पर दबंगों का कब्जा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हो रहा है कब्जा मुक्त ।
तालाब पर लहलहा रही है धान की फसल।
स्वतंत्र प्रभात ।
प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश सरकार के लाख प्रयास करने के बावजूद ना तो भू माफियाओं पर नकेल कसी जा रही है नहीं दबंगों द्वारा सरकारी और सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जा रुक रहा है ।
फूलपुर तहसील में तो कम से कम प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत के कारण से यही तस्वीर दिखाई पड़ रही है वीर काजी गांव सभा में 20 बीघा 4 बिस्वा का एक तालाब दबंग और अवैध कब्जा धारियों के कब्जे में है और उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी प्रशासन 1 वर्ष से कब्जा नहीं हटवा पा रहा है । गांव के कुछ समाजसेवी लोगों की माने तो ऐसा इसलिए हो रहा है की तहसील के हल्का लेखपाल और कानूनगो तथा उपजिलाधिकारी की मिलीभगत के कारण ऐसा हो रहा है।
बताया जाता है कि अज हरा और बिरकाजी के सरहद पर एक तालाब है जो 20 बीघा 4 बिस्वा में फैला हुआ था। 1478 ग नंबर आज भी खतौनी में तालाब के रूप में दर्ज है लेकिन वर्तमान स्वरूप में वह दबंगों तथा के खेती के काम में आ रहा है। और उस पर धान की खेती लहलहा रही है।
इस संबंध में 12 जनवरी 2019 को गांव के एक समाजसेवी सुरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के यहां उनके पोर्टल पर शिकायत दर्ज की उसकी जांच भी हुई और यहां केअधिकारियों ने जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से लिखित रूप में भेजा गया कि इस समय इस पूरे र कबे पर गेहूं की खेती लहलहा रही है जिसके कारण से कब्जा नहीं हटाया जा सकता जबकि नियम यह है अगर वह गांव सभा का तालाब है और सार्वजनिक संपत्ति है तो खेती करने वाले पर भारी जुर्माना लगाते हुए उस को बेदखल करना चाहिए था ।लेकिन ऐसा जवाब देकर तहसील प्रशासन ने मामले को खामोशी बस्ते में डाल दिया।
बताया जाता है की गेहूं की फसल कट जाने पर भी जब अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की तो सुरेंद्र सिंह ने एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल करके तालाब से अवैध कब्जा मुक्त कराने की याचिका दायर की।
उच्च न्यायालय ने भी आदेश किया कि तालाब को अति चारियो से मुक्त कराया जाए लेकिन उप जिला अधिकारी की मिलीभगत के कारण अवैध कब्जा नहीं हटाया जा सका। और उस पर धान की खेती लह लहा रही है ।
मुख्यमंत्री समस्त सरकारी जमीन को अभियान चलाकर मुक्त करने का आदेश लाख जारी करें लेकिन उसका परिणाम यहां आते आते सुन्य नजर आता है ।ग्रामीणों का कहना है कि नामी-गिरामी भू माफियाओं के विरूद्ध राजनीतिक कारणों से भले उनकी संपत्ति को जप्त किया जा रहा हो किन्तु गांव और स्थानीय प्रशासन के इस खेल पर न तो प्रशासन की नजर जाती है और ना ही अवैध कब्जा धारियों पर कार्रवाई होती है ।यही नहीं यह तो एक गांव का हाल है इसी प्रकार से तहसील के लगभग 500 गांव में घूर गड्ढा तालाब खलिहान और ग्राम सभा की जमीनों पर दबंग लोगों का कब्जा बरकरार है लेकिन न तो लेखपाल कोई कार्रवाई करता है ना ही प्रधान जिससे गांव वालों में शासन की नीति और नियत पर कथनी और करनी में अंतर दिखाई पड़ता है।
प्रयागराज से दया शंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट।
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