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रोजा मंडी परिषद में फर्जी गेट पास से होता है सरकारी खाद्यान्न का बड़ा घोटाला।
डिप्टी डायरेक्टर मंडी शिवमंगल सिंह चंदेल ने फर्जी गेट पास की जांच के लिए टीम गठित की। मंडी परिषद के लेखाकर व रौजा मंडी सचिव करेंगे सयुंक्त जांच परत दर परत जांच हुई तो बड़े रैकेट का हो सकता है खुलासा शाहजहांपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे लाक डाउन पार्ट 3 का आज
डिप्टी डायरेक्टर मंडी शिवमंगल सिंह चंदेल ने फर्जी गेट पास की जांच के लिए टीम गठित की। मंडी परिषद के लेखाकर व रौजा मंडी सचिव करेंगे सयुंक्त जांच परत दर परत जांच हुई तो बड़े रैकेट का हो सकता है खुलासा
शाहजहांपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे लाक डाउन पार्ट 3 का आज अंतिम चरण है लाक डॉउन के उपरांत मंडी परिषद में गेटपास के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है देखा गया है कि रोजा नवीन मंडी से कथित फर्जी गेट पास मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शासन के निर्देश पर मंडी परिषद के डिप्टी डायरेक्टर शिव मंगल सिंह चंदेल परिषद के लेखाकार व रौजा मंडी सचिव नवीन कोहली को मामले की सयुंक्त जांच सौंपी है।

गौरतलब है कि बीती 13 फरवरी को तिलहर मंडी से मेसर्स गुप्ता ट्रेडिंग कम्पनी फर्म द्वारा 360 कुंटल 600 बोरे गेहूं की उत्तराखंड की नानकमता मंडी की मेसर्स बालाजी रोलर फ्लोर मिल को क्रेता व ट्रक संख्या यूपी 27 टी 1333 दर्शाते हुए गेटपास जारी किया गया था।जिसकी बरेली के अग्रवाल बन्धु द्वारा गेट पास पर अंकित ट्रक संख्या पर ट्रक के स्थान पर शाहजहांपुर की एम्बुलेंस होने की मुख्यमंत्री से शिकायत की गयी थी। मंडी सचिव अशोक दीक्षित के मुताविक एक चैनल के प्रतिनिधि द्वारा उक्त गेट पास की जानकारी चाहते हुए शिकायत का संज्ञान कराया गया।
जिस पर बकौल सचिव उन्होंने त्वरित संज्ञान लेकर जांच की। जिसमे बिक्रेता व क्रेता को कोई लाभ न पहुंचने का तर्क देते हुए गेट पास को फर्जी करार ही नहीं दिया बल्कि किसी उच्च स्तरीय अधिकारी से मामले की जांच कराए जाने की बात कही। उक्त मामले में मंडी परिषद बरेली के डिप्टी डायरेक्टर शिव मंगल सिंह चंदेल ने मीडिया कर्मी के द्वारा द्वारा पूंछने पर बताया कि मामले की गम्भीरता को मद्देनजर करते हुए परिषद के लेखाकार व रौजा मंडी के सचिव नवीन कोहली को सयुंक्त जांच सौंपी गई है। उधर जांच टीम में शामिल नवीन कोहली ने बताया कि अभी उन्हें संबन्धित कागजात उपलब्ध नहीं हो सके हैं। कागज मिलते ही जांच की जाएगी।
तिलहर मंडी के छपी बुक से जारी गेट पास की बाबत मंडी सचिव अशोक दीक्षित ने बताया कि गेटपास बुक लखनऊ विभागीय कार्यालय से जारी होती है। लेकिन जिस गेट पास की शिकायत की गई है। उस क्रमांक की बुक उन्हें जारी ही नहीं कि गयी। अब प्रश्न यह है कि जब वह बुक जारी ही नहीं कि गयी तो गेट पास तिलहर मंडी का आया कहां से यदि परत दर परत निष्पक्ष जांच हुई तो बड़ा घोटाला उजागर होने और एक बड़े रैकेट का खुलासा होने सी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
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