67 साल पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति ने किया था गीता प्रेस के मुख्य द्वार का उद्घाटन, अब राम नाथ कोविन्द ने किया दर्शन
67 साल पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति ने किया था गीता प्रेस के मुख्य द्वार का उद्घाटन, अब राम नाथ कोविन्द ने किया दर्शन
स्वतंत्र प्रभात-
गोरखपुर।
Read More Road Markings: सड़क पर बनी सफेद और पीली लाइनों का क्या है मतलब? जानिए ड्राइविंग के जरूरी नियमगीताप्रेस के मुख्य द्वार व लीला चित्र मंदिर का उद्घाटन प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1955 में किया था। उनके बाद राम नाथ कोविन्द पहले राष्ट्रपति हैं, जो शनिवार को गीताप्रेस में आए। उन्होंने लीला चित्र मंदिर में देवी देवताओं का दर्शन करने के बाद आम जन को संबोधित किया। राष्ट्रपति के आगमन के दृष्टिगत गीताप्रेस को फूलों से सजाया गया था।
पंडाल फूलों से सजाया गया व मंच को फूलों से आकर्षक बनाया गया था। मंच के सामने ढाई सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई। वाराणसी, सूरत, ऋषिकेश, मुंबई से भी अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। वे गीताप्रेस में मौजूद रहे हैं। राष्ट्रपति, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य द्वार से प्रवेश किया। आम जन ने उत्तरी द्वार से प्रवेश किया। पार्किंग की व्यवस्था उत्तरी द्वार पर ही की गई।
सत्संग भवन में बैठे कर्मचारी: गीताप्रेस कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था सत्संग भवन में की गई थी। राष्ट्रपति सबसे पहले उनके बीच जाए और उनका अभिवादन स्वीकार करने के बाद लीला चित्र मंदिर में देवी- देवताओं का दर्शन किया। कर्मचारी टीबी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। सत्संग भवन में कार्यक्रम के सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई थी।
राष्ट्रपति के आराम करने के लिए एक कमरा भी तैयार किया गया था। इसके बाद वह आगंतुक पुस्तिका में अपने विचार लिखे और मंच पर पहुंचे
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ कार्यक्रम: जिला प्रशासन, पुलिस व सुरक्षा से संबंधित अनेक अधिकारी गीताप्रेस में कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे। उन्होंने मुख्य द्वार से लेकर कार्यक्रम स्थल तक नजर बनाए रखी। अधिकारी से लेकर सुरक्षा कर्मी तक सभी सतर्क रहे।

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