
न देखा मंदिर और स्कूल, खोल दी शराब की दुकान
न देखा मंदिर और स्कूल, खोल दी शराब की दुकान
भरतकूप में नियम की उड़ी धज्जियां मुनाफे के खातिर आबकारी विभाग ने नियमों का गला घोंट दिया। न मंदिर देखा और न स्कूल । जहां पर भी शराब के ठेकेदारों ने दुकान खोलने की इच्छा जताई। आंख मूंद कर दुकान खोलने का लाइसेंस दे दिया। देसी, अंग्रेजी व बीयर की दुकान खोलने के दिशा-निर्देश है। इसके तहत धार्मिक स्थल, स्कूल-कॉलेज के 100 मीटर की दूरी पर दुकान नहीं खोली जा सकती है। शराब की दुकान खुलने से पूर्व आबकारी निरीक्षक से रिपोर्ट मांगी जाती है। जिसमें इस बात का जिक्र किया जाता है
कि दुकान के समीप कुछ नहीं है। सूत्रों के अनुसार अधिकांश दुकानों की जांच में निरीक्षक खुद नहीं जाते हैं बल्कि सिपाहियों को भेज दिया जाता है। सिपाही आंख मूंद कर दुकान के समीप धार्मिक स्थल व स्कूल-कॉलेज न होने की रिपोर्ट देते हैं। जिसे आधार मानते हुए आबकारी विभाग द्वारा लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। अगर ठेके का विरोध होता है तो विभागीय अधिकारी उसे दूसरे स्थल पर शिफ्ट कर देते हैं, लेकिन संबंधित निरीक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। यही वजह है कि निरीक्षकों के हौसले बुलंद रहते हैं। सूत्रों के अनुसार कई बार भौतिक सत्यापन के लिए आबकारी सिपाही नहीं पहुंचते हैं। ठेकेदार से मोबाइल पर बात कर रिपोर्ट भेज दी जाती है। बड़े देव बाबा स्थित मंदिर के समीप अंग्रेजी शराब व बियर की दुकानें खुली हुई हैं। इसी तरह से सरस्वती स्कूल से कुछ कदम की दूरी पर अंग्रेजी शराब की दुकान है।
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