
संस्कार भारती की काव्यगोष्ठी संपन्न
स्कार भारती बिसवां इकाई के तत्वाधान में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन
बिसवां सीतापुर संस्कार भारती बिसवां इकाई के तत्वाधान में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन मो सरावगी टोला में कवि आनन्द खत्री'आनन्द' के आवास पर आयोजित किया गया , जिसकी अध्यक्षता संस्था संरक्षक व पूर्व प्रधानाचार्य दिनेश चन्द्र पाण्डेय ने की मुख्य अतिथि के रूप वरिष्ठ कवि अशोक पुष्प व विशिष्ट अतिथि के रूप में हरिश्चंद्र गुप्त उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन संस्था के मंत्री घनश्याम शर्मा ने किया।
इसी कार्यक्रम मे एक कवि व साहित्यकार के सम्मान देने की परंपरा में मक्खन लाल नन्ही देवी खेतान सेवा समिति के अध्यक्ष शिव कुमार खेतान जी ने संस्था के कर्मठ कार्यकर्ता व इकाई के मंत्री घनश्याम शर्मा को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र दे कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व माता सरस्वती के पूजन के साथ प्रारंभ हुआ।मां वाणी की वंदना कवि अरूण कुमार गंवार द्वारा प्रस्तुत की गयी।
कार्यक्रम अध्यक्ष दिनेश चंद्र पांडेय ने संस्था की उन्नति हेतु अपने विचार व्यक्त किए।मुख्य अतिथि व वरिष्ठ कवि अशोक पुष्प ने कहा कि नेता और ईमान ।हे भगवान।।
कवि आनन्द खत्री'आनन्द' ने कहा कि
युवकों में नवशक्ति का आह्वान हो।,
देश की रक्षा का ही अभियान हो।
कवि राम दास रतन ने कहा कि
बड़ा नीक लागै यूं गऊंवा हमारे हो।
सरैया से पधारे कवि अरूण कुमार गंवार ने नयी पीढ़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि
दुलारन मां पुतऊ होइगे खराब।
कवि शिवानन्द दीक्षित ने कहा कि
हमरी कुटिया में विराजे राजा राम कृपा गुरु देव की भई।।
कवि राम कुमार सुरत ने कहा कि
एक अधखिली कली मिल गयी उसी गली।
रूप यौवना मुझे निहारती लगी भली।
कवि हरीशंकर मौर्य ने कहा कि
पांच साल के बाद ये आकर मक्खन खूब लगाते हैं।
अपने प्यारे देश के है ये नेताजी कहलाते हैं।
कवि विजय रस्तोगी ने कहा कि
सुहाने पल जो जीवन के वह बचपन याद आता है।
गांव गलियां करी गुलशन वो हर क्षण याद आता है।
कवि मंगलेश्वर प्रसाद सरल ने कहा कि तुमको कितनी मोहब्बत है हमसे मत बताओ ये हम जानते हैं।
देने वाले हो क्या क्या हमें तुम प्यार में हर सितम जानते हैं।कवि आमोद कुमार मिश्र ने कहा कि ,
सब कुछ ही विवरणात्मक प्रहार हो रहा है।
कलम बन अखबार की आवाज हो रहा है।
राष्ट्रीय कवि कमलेश मौर्य मृदु ने वीडियो काल के माध्यम से गोष्ठी में अपनी उपस्थिति प्रदान की साथ घनश्याम शर्मा ने भी अपने काव्य पाठ से जनमन को मोह लिया।
अंत में कार्यक्रम संयोजक आनन्द खत्री'आनन्द' के द्वारा उपस्थित अतिथियों के द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।
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