मीडिया संस्थानों से घबराई केंद्र सरकार, 24 घण्टे के अंदर दो मीडिया संस्थानों पर आईटी की छापेमारी

तो वहीं दूसरी तरफ इस कार्रवाई की सोशल मीडिया में काफी आलोचना हो रही है. पुण्य प्रसून वाजपेयी, अजित अंजुम जैसे तमाम स्वतंत्र पत्रकार



  मीडिया संस्थानों से निकल कर आ रही है. मिली जानकारी के मुताबिक देश के दो प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों पर आईटी की छापेमारी हुई है. इस छापेमारी को दोनों संस्थान बदले की भावना से की हुई कार्रवाई बता रहे हैं. जिन दो संस्थानों के यहां छापेमारी हुई है. उसमें प्रतिष्ठित अखबार "दैनिक भास्कर" और एक उत्तर प्रदेश का रीजनल चैनल "भारत समाचार" शामिल है. दोनों संस्थानों के ऊपर महज 24 घण्टे के अंदर ही छापेमारी हुई है. भारत समाचार के संपादक बृजेश मिश्रा के घर और दफ्तर के साथ-साथ संस्थान में काम कर रहे कर्मियों के यहां भी छापेमारी हुई है और अभी भी कुछ कर्मियों के घर पर आईटी की छापेमारी चल रही है.


मुख्यमंत्री ने कहा बंद करो छापेमारी:-


संस्थानों के ऊपर चल रही छापेमारी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि "दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर आयकर छापे मीडिया को डराने का प्रयास है। उनका संदेश साफ़ है- जो भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ बोलेगा, उसे बख्शेंगे नहीं।ऐसी सोच बेहद ख़तरनाक है।सभी को इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठानी चाहिए. ये छापे तुरंत बंद किए जायें और मीडिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए.
 


सोशल मीडिया में सरकार की आलोचना:- 

तो वहीं दूसरी तरफ इस कार्रवाई की सोशल मीडिया में काफी आलोचना हो रही है. पुण्य प्रसून वाजपेयी, अजित अंजुम जैसे तमाम स्वतंत्र पत्रकार इस कार्रवाई को कायराना हरकत और दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई बता रहे हैं. आमलोग भी इसकी काफी आलोचना कर रहे हैं.


गौरतलब है कि दोनों संस्थानों की पिछली खबरों को देखें तो सरकार और सिस्टम के खिलाफ उन खबरों से आमलोगों को रूबरू करवाया गया है. जो अन्य संस्थानों ने नहीं करवाया है. कोरोनाकाल के दौरान हुई मौतों, ऑक्सीजन की कमी और सिस्टम की लाचारी को इन दोनों संस्थानों ने काफी प्रमुखता से उठाया. ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं अब संस्थानों के ऊपर नकेल कसने की सरकार कोशिश तो नहीं कर रही. अगर कर रही है, तो ये देश के लिए काला अध्याय होगा.

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